Covid 19 Impact: कोविड जब से आया है, सब कुछ थमा हुआ सा है. स्कूल देश के बड़े हिस्से में अभी भी बंद है. शैक्षणिक सर्वे करने वाली संस्था लीड ने एक सर्वे किया है, जिसमें सामने आया है कि 74 फीसदी से ज्यादा अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के इच्छुक हैं. 59 फीसदी अभिभावक जिनके बच्चे प्राइमरी और सेकेंडरी क्लासों में हैं, उनका मानना है कि बच्चों की पढ़ाई बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है. 22 फीसदी अभिभावक कह रहे हैं कि स्कूल को पूरी तरह से शुरू करने के लिए स्कूल के स्टाफ को पूरी तरह से वैक्सीनेट करना चाहिए.


18 महीने से कोविड का असर है. धीरे-धीरे शैक्षणिक संस्थान खुल रहे हैं. एड टेक कंपनी लीड ने सर्वे किया है, जिसमें अभिभावकों से बच्चों के स्कूल जाने के विषय में जानकारी ली गई. यह सर्वे मेट्रो और नॉन मेट्रो इलाकों में रहने वाले 10,500 परिवारों पर किया गया, जिनके बच्चे पहली से दसवीं क्लास तक में पढ़ते हैं.


सर्वे में यह बात भी सामने आई कि परिवार अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल के स्टाफ को वैक्सीन लगवाने की मांग कर रहे हैं. 55 फीसदी मेट्रो शहर के रहने वाले अभिभावक सोशल डिस्टेंसिंग को मुश्किल मानते हैं. नॉन मेट्रो शहर में रहने वाले 52 फीसदी लोग खेल और सोशल डिस्टेंसिंग को अपने बच्चों के लिए एक समान महत्वपूर्ण मान रहे हैं.


इस सर्वे में एक महत्वपूर्ण बात सामने निकलकर ये आई है कि वर्क फ्रॉम होम का प्रेशर और बच्चों के स्कूल फ्रॉम होम का तनाव परिजनों को है. यह भी बात निकल कर सामने आई कि मेट्रो शहर के रहने वाले 47 फीसदी अभिभावक अपने दिन का 3 से 4 घंटा बच्चों की पढ़ाई में देते हैं. नॉन मेट्रो शहरों में यह आंकड़ा 44 फीसदी का है. औसतन 30 फीसदी अभिभावकों ने माना है कि फिजिकल क्लासरूम बच्चों को और अच्छा सामाजिक माहौल देता है.



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