नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी को काबू करने के लिए आज से कोरोना का डोर टू डोर सर्वे शुरू हो गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बैठक में डोर टू डोर सर्वे कराने का फैसला लिया गया था. सर्वे में 13-14 लाख घरों में दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य विभाग की टीमें जाएंगी. दिल्ली के 11 जिलों में करीब 57 लाख लोगों का सर्वे होगा. संदिग्ध लोगों की आइसोलेशन प्रक्रिया में इस सर्वे का रोल अहम होगा.


कुल 9500 टीम करेंगी सर्वे


सर्वे करने वाली हर टीम में 2-5 लोग होंगे. कुल 9500 टीम होंगी. घनी आबादी और कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों का सर्वे होगा. फिलहाल दिल्ली सरकार एक पॉजिटिव मामला सामने आने पर उसके संपर्क वाले 16 लोगों की फोन पर कांटेक्ट ट्रेसिंग कर रही है, इस सर्वे टीम को कॉन्टेक्ट्स ट्रेसिंग का काम फेस टू फेस करना होगा.


रैपिड एंटीजन टेस्ट भी होगा


जिन घनी आबादी वाले इलाकों में संक्रमण और कांटेक्ट की संख्या ज्यादा है, वहां पर रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाना इन्ही टीमों की ज़िम्मेदारी होगी, और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट से जो लक्षण वाले लोग नेगेटिव आए हैं, उनका RT-PCR टेस्ट भी करवाया जाए.


सर्वे के लिये बनी टीमें यह भी देखेंगी कि होम आइसोलेशन में जो लोग रह रहे हैं क्या वह नियमों का ठीक से पालन कर रहे हैं या नहीं. इसके लिए यह टीमें होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज़ों के घर भी जाएंगी.


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