नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर हालात पूरी तरह से कंट्रोल में है. पूरे देश को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में डिवाइड किया है. देश में 319 जिले ग्रीन जोन में है और 130 जिले रेड जोन में हैं जहां हॉटस्पॉट है.


हर्षवर्धन ने कहा कि 284 नॉन हॉटस्पॉट जोन हैं. हर हफ्ते हर जगह का डिटेल विश्लेषण होता है. नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल हर चीज की मॉनिटरिंग कर रहा है. वहीं  रैपिड रिस्पांस टीम भी सहायता कर रही है. देश में 421 लेबोरेटरी सरकारी और प्राइवेट मिलाकर काम कर रही हैं. 310 इसमें सरकारी लेबोरेटरी है. 10 लाख से ज्यादा लोगों के टेस्ट किए जा चुके हैं.


31 मई तक एक लाख टेस्ट रोज हों इसकी कोशिश की जा रही है. प्रधानमंत्री खुद सारी चीजों को मॉनिटर कर रहे हैं. हर रोज एक से तीन राज्यों के साथ डिटेल में मॉनिटरिंग की जा रही है. डॉक्टर हर्षवर्धन से पूछे गए सवाल और जवाब-


क्या भारत में कोरोना पीक पर आ गया है या लॉकडाउन की वजह से ये टल गया है?


जवाब- मैं समझता हूं कि हमारा जो ग्राफ है वह बिल्कुल स्टडी है. इसमें कोई एक्स्पोनेंशियल बढ़ोतरी नहीं है. सब देशों का ग्राफ देखेंगे तो सब में राइस है लेकिन हमारे देश में यह बिल्कुल स्टडी है. समय पर अस्पताल जाएं तो इस बीमारी से बचा जा सकता है. मैं रोज शाम में स्थिति पर एनालिसिस करता हूं. 1.30 प्रतिशत के करीब लोग ऑक्सीजन पर हैं कहने का अर्थ यह है कि जो क्वॉलिटी ऑफ केयर है वह अच्छे लेवल पर चल रही है. 10,000 से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं.


क्या पीक आ गया है कोरोना या आनेवाला है?


जवाब- मैं नहीं जानता कि पीक की डेफिनेशन आपके लिए क्या है मैं इतना कह सकता हूं कि हमारे देश में स्थिति बेहतर है. इसका प्रकोप सारी दुनिया में सबसे कम है. सारे विकसित देश इसकी भारत से तुलना करेंगे तो फिर आपको यह सवाल पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी.


लॉकडाउन में मिली छूट में शराब की दुकानें खुली है और लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं?


जवाब- यह गाइडलाइंस गृह मंत्रालय ने दी है. लेकिन क्या चीज लागू करनी है यह सारा का सारा विषय राज्य सरकारों का है. राज्य सरकारों को परिस्थिति के आधार पर फैसला करना है. कौन से जोन में उनका प्रदेश है. कौन से जोन में उनका डिस्ट्रिक्ट हैं. कौन सी सुविधा खोलने से और कौन सी सुविधा बंद रखने से कौन सी सुविधा पर सख्ती करने से और कौन सी सुविधा लिबरल एप्रोच करने से क्या प्रभाव पड़ेगा. इसलिए यह जो निर्णय है इस पर टिप्पणी करना मुझे उचित नहीं लगता.


वैक्सीन या दवाई की दिशा में भारत कहां खड़ा है?


जवाब- भारत बहुत तेजी से इस बारे में कोशिश कर रहा है. हमारे सारे वैज्ञानिक इस दिशा में काम कर रहे हैं. वैक्सीन के बारे में ड्रग की खोज के बारे में पहले से जो ड्रग उपलब्ध हैं उसके कोरोना के खिलाफ इस्तेमाल के मामले में और इसके अलावा बहुत सारी डायग्नोस्टिक किट बनाने के मामले में नई टेक्नोलॉजी हॉस्पिटल में इस्तेमाल हो सकती हैं.


ऐसी बहुत सारी चीजों पर हमारी साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री लगी है. हम वायरस की जेनेटिक सीक्वेंस पर काम कर रहे हैं. कोई ऐसा स्तर नहीं है जिस पर भारत सरकार कोरोना के खिलाफ ना लड़ रही हो. इस जंग में आखिरकार भारत को आने वाले समय में जल्दी ही एक महत्वपूर्ण विजय मिलेगी.


पीपीई-वेंटिलटर जैसी महत्वपूर्ण चीजों की क्या स्थिति है?


जवाब-देश में कई ऐसे प्रदेश हैं जो हम को हाथ जोड़कर कह रहे हैं कि हमको पीपीई किट और n95 मास्क मत भेजिए हमारे गोदाम के अंदर उसको रखने की जगह नहीं है. महाराष्ट्र से तमिलनाडु से ऐसी बहुत जगह से हमें इस तरह की रिक्वेस्ट आ रही हैं.


इस देश में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट बनता नहीं था इंपोर्ट होता था आज उस देश में 22 लाख से ज्यादा पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट और n95 मास्क बनाए गए हैं.  आज हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन नाम की दवा दुनिया के कई देशों को दे रहे हैं. पेरासिटामॉल पी हम दुनिया के देशों को दे रहे हैं और भी दवाइयां हम दुनिया के बाकी देशों को दे रहे हैं.


कोरोना वॉरियर डॉक्टर और हेल्थ केयर से जुड़े लोग भी इनफेक्ट हो रहे हैं?


जवाब: बहुत ही दुखद है तकलीफ दायक है. हम लोगों की उनके प्रति पूरी सहानुभूति है संवेदना है. डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों का सम्मान करना चाहिए. इन को किसी भी गलत निगाह से ना देखा जाए.


कब तक माहौल ठीक हो जाएगा या इसके साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी?


जवाब- माहौल की जहां तक बात है कोई भी वायरस दुनिया में आता है तो वह जड़ से तो समाप्त नहीं हो पाता है. स्मॉल पॉक्स और पोलियो को छोड़कर दुनिया में कोई वायरस पर मानवता ने विजय प्राप्त नहीं की. लेकिन इसका जो प्रकोप है वह एक बार समाप्त हो जाएगा. आने वाले समय में इसके खिलाफ मान लीजिए थोड़ा बहुत लोगों को इंफेक्शन होगा भी तो इंफेक्शन से लड़ने की हमें योग्यता आ जाएगी.


दवाई आ जाएंगी वैक्सीन आ जाएगी. एचआईवी जब आया था तो दुनिया में बहुत खतरा पैदा हुआ था लेकिन लोग एचआईवी वायरस के साथ जीना सीख गए.


कब तक खत्म होगा ये कोरोना प्रकोप या स्तिथि बेहतर होगी?


जवाब-मैं बस इतना कह सकता हूं कि हर सप्ताह पिछले सप्ताह के मुकाबले हमारी स्थिति बेहतर होती जा रही है. निश्चित रूप से आने वाले समय में, अगर हमारी स्थिति अच्छी नहीं होती तो लॉकडाउन में रियायत नहीं दी जाती.


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