कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ कारगर दवा और टीका ईजाद करने की कोशिशों में दुनिया में इन दिनों वैज्ञानिक दौड़ चल रही है. इस दौड़ में एक महत्वपूर्ण दावा रूस के रक्षा मंत्रालय ने किया है. रूसी सेना के मुताबिक उसने कोविड19 के लिए टीका तैयार के लिए उसने अपने सैनिकों के साथ ट्रायल शुरु कर दिए हैं. यह ट्रायल अगले महीने के अंत तक खत्म हो जाएंगे.
क्या है रूस का दावा
रूसी रक्षा विभाग के मुताबिक इसके लिए 3 जून को सैनिक वॉलेंटियर्स का पहला दस्ता 48 सेंट्रल रिसर्च सेंटर पहुंच गया है. इस परीक्षण के लिए 50 सैन्यकर्मियों का चयन किया गया, जिनमें पाँच महिलाएँ भी हैं.गहन चिकित्सा परीक्षण के बाद सभी को टीके के डोज के लिए तैयार किया जाएगा. रूसी वैज्ञानिकों ने 1 जून को नए टीके के प्रायोगिक नमूने का प्रीक्लीनिकल अध्ययन पूरा कर लिया.
रूसी रक्षा प्रवक्ता के मुताबिक इन सभी सैन्यकर्मियों ने स्वेच्छा से आधुनिक दवा के परीक्षण में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की थी.सरकारी बयान के मुताबिक नए टीके के लिए क्लीनिकल ट्रायल जुलाई के अंत तक पूरे हो जाएंगे.
फेवीपिराविर दवा से ही बनी एफिविर पर हो रहे ट्रायल
इस बीच रूस में उस एंटी वायरल दवा के साथ भी परीक्षण चल रहे हैं जिनके साथ भारत भी टेस्ट कर रहा है. फेवीपिराविर नामक दवा से ही बनी एफिविर को लेकर रूस के अस्पतालों में ट्रायल शुरु हुए हैं. महत्वपूर्ण है कि भारत में भी केंद्रीय औद्योगिक अनुसंधार परिषद और दवा कंपनी सिप्ला एंटी वायरल दवा फेवीपिराविर के साथ प्रयोग कर रही हैं. इस दवा के सिप्लांजा नाम से बाजार में आने की उम्मीद है.
भारतीय वैज्ञानिकों को इस दवा से काफी उम्मीदें हैं. यदि इस दवा के परीक्षण कामयाब हो जाते हैं तो भारत में इसका उत्पादन न केवल आसानी से शुरु हो जाएगा बल्कि किफायती दाम पर और बड़ी मात्रा में इसका उत्पादन संभव होगा.
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