मुंबई: जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में ढाया है. महाराष्ट्र में ऑक्सीजन, बेडस और वेंटिलेटर्स की भारी दिक्कत है. राज्य की उद्धव सरकार और केंद्र सरकार के बीच कई दिनों से वेंटिलेटर्स को लेकर तकरार चल रहा है. अब राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने वेंटिलेटर वापस देने की धमकी दी है.


बंद पड़े वेंटीलेटर्स का क्या उपयोग है?- सुभाष देसाई


उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा है, ‘’केंद्र ने वेंटिलेटर दिए गए हैं, इसमें कोई बात नहीं है. लेकिन हमारा कहना है कि वेंटिलेटर दे रहे हैं तो अच्छे वेंटिलेटर दें. जो चल रहे हो ऐसे वेंटिलेटर दें.’’ उन्होंने कहा, ‘’बंद पड़े वेंटीलेटर्स का क्या उपयोग है? और अगर इन्हें जल्द दुरुस्त नहीं किया गया तो हम साभार इन्हें वापस कर देंगे.’’


सुभाष देसाई ने कहा कि पीएम केयर्स कोष के तहत औरंगाबाद जिले को मिले 185 वेंटिलेटर खराब हैं और उन्हें बदला जाना चाहिए. मंत्री ने कहा कि उत्पादक कंपनी के तकनीशियन इन वेंटिलेटर की मरम्मत करने आए थे लेकिन उन्होंने अतिरिक्त पुर्जों की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए वेंटिलेटर ठीक काम कर रहे हैं.


पीएम केयर्स कोष से मिले 185 वेंटिलेटर खराब- मंत्री


देसाई ने कहा, ‘‘जिले में 576 वेंटिलेटर चालू हालत में हैं. पीएम केयर्स कोष से मिले 185 वेंटिलेटर के साथ ही समस्या है. ऐसा लगता है कि इनमें निर्माण संबंधी खामी है. अगर इनकी मरम्मत नहीं हो सकती तो हमें उन्हें वापस करना होगा.’’ हालांकि, मंत्री ने कहा कि राज्य को सबसे अधिक वेंटिलेटर मिले और इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया.


औरंगाबाद से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के लोकसभा सदस्य इम्तियाज जलील ने भी खराब वेंटिलेटर को बदलने और उस एजेंसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की जिससे इन्हें खरीदा गया है. देसाई ने बताया कि नगर निकाय द्वारा वैश्विक निविदा के आधार पर कोविड-19 टीके की खरीद पहले मुंबई में की जाएगी और यह सफल होने पर अन्य नगर निकायों को इसकी अनमुति दी जाएगी.


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