नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर्स फंड की तरफ से घोषित मदद पर जानकारी मांगी है. कोर्ट ने केंद्र से इस बारे में हलफनामा देने के लिए कहा है. कोर्ट ने पिछले हफ्ते राज्यों से इन बच्चों की देखभाल के लिए कहा था. आज की सुनवाई में कोर्ट को यह पता चला कि हाल ही में पीएम केयर्स फंड से भी अनाथ बच्चों की मदद की घोषणा हुई है. इसका विस्तृत ब्यौरा मांगते हुए कोर्ट ने 7 जून को अगली सुनवाई की बात कही.


28 मई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सभी राज्यों से पिछले साल से अब तक कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की संख्या बताने को कहा था. कोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्य 1 दिन में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के वेब पोर्टल 'बाल स्वराज' में जानकारी अपडेट कर दें. 29 मई की शाम तक 25 राज्यों और 5 केंद्रशासित क्षेत्रों ने जो जानकारी पोर्टल पर डाली, उसे आज कोर्ट में रखा गया. उसके हिसाब से मार्च 2020 से अब तक 1742 बच्चों ने माता-पिता को गंवाया है. 7464 बच्चे ऐसे हैं जिनके माता या पिता में से एक की मृत्यु हुई है. 140 बच्चों को परिवार ने छोड़ दिया है.


आर्थिक सहायता भी जरूरी


आज की सुनवाई में मामले के एमिकस क्यूरी वकील गौरव अग्रवाल ने कहा कि सिर्फ सरकारी चाइल्ड केयर होम में रखने से इन बच्चों की सही मदद नहीं होगी. वह सामान्य जीवन जी सकें, इसके लिए आर्थिक सहायता भी जरूरी है. इसके बाद अग्रवाल ने कोर्ट को जानकारी दी कि पीएम केयर्स फंड से सहायता की घोषणा हुई है. लेकिन सहायता किस तरह की होगी और किसे मिल पाएगी, अभी इसकी पूरी जानकारी नहीं है. इस पर जस्टिस एल नागेश्वर राव और अनिरुद्ध बोस ने केंद्र के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से इसकी जानकारी देते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा.


NCPCR के लिए पेश वकील स्वरूपमा चतुर्वेदी ने कहा कि 29 मई की शाम तक सभी राज्यों का आंकड़ा नहीं आया था. अभी भी मृत्यु के बहुत से मामले जिले की चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की जानकारी में नहीं आए हैं. इसलिए, राज्यों को निर्देश दिया जाए कि वह पोर्टल पर लिस्ट को अपडेट करते रहें. कोर्ट ने राज्यों को इसका निर्देश दिया और सुनवाई अगले सोमवार के लिए स्थगित कर दी.