नई दिल्ली: कोरोना काल में लॉकडाउन नियमों और बाहर निकलने और लोगों के संपर्क से बचने का नतीजा ये निकला है कि बड़ी संख्या में लोगों ने शारीरिक व्यायाम करना बंद कर दिया है. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी फिज़िकल एक्टिविटी गाइडलाइंस में कहा है कि कोरोना महामारी का बहाना बनाकर लोगों को ज़रूरी व्यायाम से बचना नहीं चाहिए. अपनी गाइडलाइंस में WHO ने इस बात पर जोर दिया है कि व्यायाम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है, एक जगह बैठे रहने से सेहत पर खराब असर पड़ सकता है.


विश्व स्वास्थ्य संगठन के हेल्थ प्रमोशन हेड रूडिगर क्रेच ने कहा, "WHO ने लोगों से अपील की है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान एक्टिव रहें." उनका कहना है कि अगर हम एक्टिव नहीं रहेंगे और गतिहीन हो जाएंगे तो हम खराब सेहत की महामारी को दावत देंगे.


आपको बता दें कि फिलहाल इस बात के साफ आंकड़े नहीं हैं कि महामारी ने फिजिकल एक्टिविटी पर कैसा प्रहार किया है. लेकिन लॉकडाउन, बाहर निकलने पर कई तरह की पाबंदियां और जिम बंद होने के कारण कई लोगों को मजबूरन घर में रहना पड़ा है और शारीरिक व्यायाम और रोज़ाना की एक्टिविटी बंद हो गई है.


गौरतलब है कि महामारी से पहले के आंकड़ें बताते हैं कि बड़ी संख्या में नौजवान और व्यस्क सही मात्रा में एक्टिव नहीं रहा करते थे. ऐसे में कोरोना और लॉकडाउन की वजह से इस संख्या का बढ़ना लाज़िमी है. WHO के अनुमान के मुताबिक लोगों को सोफा और दफ्तर की कुर्सियों से उठाने से ही हर साल कम से कम पचास लाख लोगों को जान गंवाने से बचाया जा सकता है.


विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष टेड्रोस अधानोम ने एक स्टेटमेंट में कहा, "शारीरिक रूप से सक्रिय होना स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है. ये ज़िंदगी में सालों को जोड़ने में मदद कर सकता है और सालों को ज़िंदगी में जोड़ सकता है."


ये भी पढ़ें:


31 दिसंबर तक जारी रहेगा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर बैन, कोरोना में तेज़ी के बीच DGCA का निर्देश

कभी माराडोना के पिता गांव-गांव में घूमकर मवेशियां बेचा करते थे, सिर्फ 22 साल की उम्र में बने सबसे महंगे खिलाड़ी