नई दिल्ली: कोरोना से लड़ने के लिए डीआरडीओ की बनाई 2डीजी दवाई सोमवार को लॉन्च कर दी गई. शुरुआत में इस दवा को डीआरडीओ के कोविड हॉस्पिटल्स और राजधानी दिल्ली के एम्स अस्पताल में मरीजों को दी जाएगी. डीआरडीओ का दावा है कि इस दवाई के इस्तेमाल से कोरोना से ग्रस्त मरीजों को 40 प्रतिशत कम ऑक्सजीन की जरूरत पड़ती है. सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस दवा को एक कार्यक्रम में रिलीज किया.


2डीजी दवा के लॉन्च के वक्त डीआरडीओ के चैयरमैन, डॉक्टर जी सथीश रेड्डी, डीआरडीओ की इनमास लैब के डायरेक्टर और डॉक्टर रेड्डीज़ लैब के बड़े अधिकारी भी शामिल थे. डीआरडीओ की इनमास यानी इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज़ ने इस दवा को हैदाराबाद की रेड्डीज़ लैब के साथ मिलकर तैयार किया है. 2डीजी दवा के पहले बैच में करीब 10 हजार डोज़ यानी खुराक तैयार की गई हैं. इस दवा का उत्पादन रेड्डीज़ लैब में किया गया है.  


कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और स्वास्थय मंत्री ने एम्स के डायरेक्टर, डॉक्टर रणदीप गुलेरिया और आर्म्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विस (एएफएमएस) के डीजी, लेफ्टिनेंट जनरल सुनील कांत को ‘2 डियोक्सी-डी-ग्लूकोज’ यानि 2डीजी दवा का पहला बैच सौंपा. डीआरडीओ के कोविड हॉस्पिटल्स को चलाने की जिम्मेदारी एएफएमस के हवाले है. जानकारी के मुताबिक, अगले महीने यानी जून से हर हफ्ते रेड्डीज़ लैब करीब एक लाख डोज़ तैयार करेगी.


इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि 2डीजी दवा कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक अहम भूमिका निभाने जा रही है. उन्होनें कहा कि जल्द ही इस दवा का इमरजेंसी इस्तेमाल दूसरे अस्पतालों में भी हो जाएगा. खुद रक्षा मंत्री ने कहा कि ग्लूकोज़ के एनेलोग से बनी इस दवा से मरीजों को 40 प्रतिशत कम ऑक्सीजन की जरूरत होगी. इस दवाई के इस्तेमाल से मरीजों को कम से कम 2-3 दिन पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है. रक्षा मंत्री ने कहा कि 2डीजी दवा से हमारे देश की वैज्ञानिक-शक्ति का नमूना तो देखने को मिलता ही है, साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भी दर्शाती है.


2डीजी एक सैशे में पाउडर फॉर्म में मिलती है और पानी में घोलकर मरीज को पिलाई जाती है. ये दवा कोरोना के मॉडरेट और सीरियस लक्षण वाले मरीजों को दी जा सकती है. क्योंकि इस दवाई को डीसीजीआई यानी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी है. ऐसे में अभी ये सिर्फ अस्पतालों में ही डॉक्टर्स की निगरानी में मरीजों को मिल सकेगी, मेडिकल स्टोर पर फिलहाल नहीं मिलेगी.


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