केंद्र सरकार की फ्लैगशिप हेल्थ स्कीम 'आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' का इस्तेमाल कोरोनावायरस के मरीजों के इलाज के लिए भी हो रहा है. केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत कोरोना का इलाज मुफ्त में करने का ऐलान किया था. अब तक इस योजना के तहत 5 हजार लोगों का टेस्ट और इलाज हो चुका है.


इस योजना के संचालन के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए पिछले एक महीने में देशभर में 1,500 और अस्पताल अपनी योजना के तहत शामिल किए हैं. आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, जिसके तहत गरीबों के लिए 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त है.


3 हजार टेस्ट, 2 हजार लोगों का इलाज


इस योजना के तहत अभी तक 2,000 लोगों का इलाज या तो हो चुका है या फिर जारी है. वहीं अभी तक 3,000 लोगों का टेस्ट भी इसके तहत हो चुका है. ये सभी इलाज और टेस्ट मुफ्त में किए गए हैं.


एनएचए की ओर से जारी बयान में कहा गया, "कोविड-19 बीमारी के प्रसार को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने योजना के तहत आने वाले सभी 53 करोड़ लाभार्थियों के लिए कोरोना का टेस्ट और इलाज मुफ्त करने का फैसला लिया था. इसमें से अभी तक 2,132 लोग योजना का लाभ या तो ले चुके हैं या उनका इलाज जारी है."


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए एनएचए कई प्राइवेट लैबोरेटरी को भी अपने साथ शामिल कर रही है. इसमें सिर्फ उन्हीं लैब को शामिल किया जाएगा जिन्हें ICMR की ओर से टेस्टिंग की इजाजत मिली है.


कॉल सेंटर की मदद से लोगों से कर रहे संपर्क


इतना ही एनएचए की सीईओ इंदु भूषण ने बताया कि उनकी कई टीम ऐसे उम्रदराज लोगों से भी संपर्क कर रही है जिन्होंने कुछ वक्त पहले ही इस योजना के तहत अपना किसी भी तरह का इलाज कराया था. एनएचए के कॉल सेंटर में मौजूद ये टीमें इन बुजुर्ग लाभार्थियों को कॉल कर ये जानने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं उनमें कोरोना से जुड़े किसी तरह के कोई लक्षण तो नहीं पाए जा रहे. अब 3 करोड़ ऐसे कॉल किए जा चुके हैं.


इतना ही नहीं, आरोग्य सेतु ऐप की मदद से 'संक्रमण के संभावित खतरे' में पड़ने वाले जिन लोगों की पहचान हुई है, एनएचए का कॉल सेंटर ऐसे लोगों से भी संपर्क कर रहा है. अब तक 6 लाख ऐसे लोगों से संपर्क किया जा चुका है और उन्हें रक्षात्मक कदम उठाने के बारे में सलाह दी गई है.


आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में 21,565 अस्पताल शामिल हैं, जिनमें से 1,385 अस्पताल बीते 1 अप्रैल के बाद से ही शामिल किए गए हैं. देशभर में इस योजना के तहत अभी तक 1 करोड़ लोगों का इलाज किया जा चुका है.


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