Corona Vaccine Live: कांग्रेस नेता की मांग- अमेरिका और रूस की तरह भारत में भी PM मोदी पहले लें कोरोना वैक्सीन

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि उसके पास कोविड-19 वैक्सीन की 4 से 5 करोड़ डोज हैं, जिनमें से बड़ा हिस्सा भारत को मिलने की संभावना है. जहां तक भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की है, तो यह कोरोनावायरस के लिए भारत का पहला स्वदेशी टीका है.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 04 Jan 2021 10:26 AM
अस्पतालों में अब कम किए जाएंगे कोविड मरीजों के लिए आरक्षित बेड
दिल्ली में कोविड बेड की संख्या घटाने पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में हमने दिल्ली में बेडों की संख्या घटाई है. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 2500, निजी अस्पतालों में 5000-6000 बेड कम किए गए. पहले हमारे पास 18,800 बेड उपलब्ध थे, लेकिन संख्या घटाने के बाद भी हमारे पास 10,500-12,000 बेड हैं. हम अगले सप्ताह बेडों की संख्या और घटाएंगे."
भारत बायोटेक का टीका नए प्रकार के कोरोना के खिलाफ कहीं अधिक कारगर
भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके की मंजूरी प्रकिया पर कांग्रेस के कुछ नेताओं के चिंता प्रकट करने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि ब्रिटेन में पाए गए वायरस के नये प्रकार (स्ट्रेन) के खिलाफ ‘कोवैक्सीन’ के कहीं अधिक कारगर रहने की संभावना है. साथ ही, हर्षवर्धन ने नेताओं से टीके की मंजूरी के लिए बखूबी निर्धारित किए गए विज्ञान समर्थित प्रोटोकॉल की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाने को कहा.
कांग्रेस नेता की मांग- भारत में भी PM मोदी पहले लें कोरोना वैक्सीन
कांग्रेस नेता ने मांग कि है कि जिस तरह रूस और अमेरिका में सबसे पहले वहां के प्रेसिडेंट ने टीका लिया. ठीक उसी तरह भारत में पीएम नरेंद्र मोदी सबसे पहले टीका लें.
मॉडर्ना वैक्सीन की आधी डोज लगाने पर विचार कर रही है अमेरिकी सरकार
अमेरिका में कोरोना महामारी की नई लहर के बाद सरकार बड़ा कदम उठा सकती है. खबर है कि ट्रंप सरकार लोगों को मॉडर्ना वैक्सीन की आधी डोज ही लगाने पर विचार कर रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा सके. अमेरिकी सरकार के मुताबिक, 18 से 55 साल के लोगों में मॉडर्ना वैक्सीन की आधी डोज लगाने पर ही जरूरी इम्युनिटी आ जाती है इसलिए ऐसे लोगों को दूसरी डोज की जरूरत नहीं.
वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल का क्या मतलब है?
इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन ने एबीपी न्यूज से कहा, फेज थ्री के बाद भी मॉनिटरिंग होती है. उससे पहले लिमिडेट ऑथराइजेशन दी जाती है, क्योंकि इमरजेंसी है. उन्होंने ये भी कहा, देश में जिन लोगों को भी जरूरत है उन सभी लोगों को वैक्सीन मिलेगी. जो अफोर्ड नहीं कर पाएंगे उनको वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी. बाकी लोगों को सस्ती वैक्सीन मिलेगी.
"15 दिनों में शुरू हो सकता है वैक्सीन का टीकाकरण"
प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन ने उम्मीद जताई कि 15 दिनों में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू हो सकता है. एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में उन्होंने ये बात कही. टीकारण की प्रक्रिया पर उन्होंने कहा कि इसका पूरा शेड्यूल स्वास्थ्य मंत्रालय ने तैयार किया है. कब किसे वैक्सीन देनी है और इसकी प्रक्रिया क्या होगी, ये सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं.
क्या 'कोविशील्ड' वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट है?
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है. पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद थोड़ा सिरदर्द या बुखार हो सकता है लेकिन कोई घबराने की बात नहीं है. वह भी दो बार पैरासेटामोल लेकर ठीक हो जाता है. यह हमारी रिकमंडेशन है. ये ट्रायल में साबित हो चुका है.
भारत बायोटेक ने कहा- भारत की वैज्ञानिक क्षमता की दृष्टि से मील का पत्थर
कोवैक्सीन को सीमित आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलने पर खुशी जताते हुए भारत बायोटेक ने कहा कि इसने कई वायरल प्रोटीन के ठोस रोग प्रतिरोधी प्रतिक्रिया के साथ शानदार सुरक्षा डाटा सृजित किया. उनका लक्ष्य पूरी दुनिया की आबादी तक इसकी पहुंच बनाना है, जिसे इसकी सबसे अधिक जरूरत है. हैदराबाद स्थित दवा कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा इल्ला ने बयान जारी कर कहा कि यह देश के लिए गौरव का क्षण है और भारत की वैज्ञानिक क्षमता के लिए मील का पत्थर है.
आने वाले हफ्तों में शुरू होगा टीकाकरण अभियान
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि आने वाले हफ्तों में भारत का पहला कोविड-19 वैक्सीन अभियान शुरू किया जाएगा. पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन बनाने के लिए एसआईआई ने बड़ा खतरा मोल लिया था, लेकिन अब लगता है कि फैसला सही था. उन्होने कहा कि टीका सुरक्षित, प्रभावी है और रोलआउट के लिए तैयार है.
वैक्सीन को मंजूरी मिलने पर हर्ष वर्धन ने कहा, ये भारत के लिए अहम क्षण
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि दो कोरोनो वायरस वैक्सीन को आपात उपयोग के लिए मंजूरी देना इस वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण क्षण है. वर्धन ने ट्वीट में लिखा, माननीय पीएम नरेंद्र मोदी जी के करिश्माई नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में यह एक अहम क्षण है. उन्होंने कहा कि ये टीके कोरोना योद्धाओं के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि हैं.
टीकाकरण के पहले चरण के लिए दिल्ली में होंगे 500-600 कोविड सेंटर
दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि वह टीकाकरण के पहले चरण में 500 से 600 कोविड केंद्र जल्द ही शुरू करेगी. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह घोषणा की कि टीका के रोलआउट के दौरान प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. मंत्री ने कहा, "पहले चरण में 500-600 कोविड केंद्र स्थापित किए जाएंगे और इसे 1,000 तक बढ़ाया जा सकता है. भंडारण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, अंत में इसके लिए हम 1000 केंद्र बनाएंगे."

बैकग्राउंड

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के 11 महीने बाद ड्रग कंट्रोलर ने रविवार को 'कोविशील्ड' वैक्सीन और 'कोवैक्सीन' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है. इससे इन वैक्सीन को करोड़ो लोगों को दिए जाने का रास्ता खुल गया है. यह देश के लिए बड़ी राहत की बात है, क्योंकि दुनिया में अमेरिका के बाद संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले भारत में हैं. केंद्र सरकार ने अगले 6 से 8 महीनों में टीकाकरण अभियान के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की योजना बनाई है.


 


इसमें 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन और जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारी और 50 साल से अधिक उम्र के ऐसे 27 करोड़ बुजुर्ग जिन्हें अन्य बीमारियां हैं, शामिल हैं. वैक्सीन प्रस्तावों पर काम करने वाली विषय विशेषज्ञ समिति ने 1 और 2 जनवरी को क्रमश: ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति देने की सिफारिश की थी.


 


पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने क्लिनिकल परीक्षण और कोविशील्ड के निर्माण के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के साथ भागीदारी की है, जबकि भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ कोलैबोरेशन किया है. सीरम इंस्टीट्यूट ने 6 दिसंबर और भारत बायोटेक ने 7 दिसंबर को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी पाने के लिए आवेदन किया था.


 


ऑक्सफोर्ड को कहां-कहां मिली है मंजूरी
इससे पहले ब्रिटेन और अर्जेंटीना ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को मंजूरी दे चुके हैं. साथ ही वैक्सीन के 5 करोड़ से अधिक डोज का पहले ही इसके निमार्ता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भंडारण कर लिया है. वैक्सीन की कम लागत, भंडारण और परिवहन में आसानी के कारण कोविड-19 से अपने देशवासियों को बचाने की भारत के टीकाकरण की योजना में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन प्रमुख भूमिका निभाएगा.


 


सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसी हफ्ते कहा है कि उसके पास कोविड-19 वैक्सीन की 4 से 5 करोड़ डोज हैं, जिनमें से बड़ा हिस्सा भारत को मिलने की संभावना है. जहां तक भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की है, तो यह कोरोनावायरस के लिए भारत का पहला स्वदेशी टीका है. इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से विकसित किया जा रहा है.


 


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