नई दिल्लीः कोरोना की लड़ाई में भारत को एक और वैक्सीन मिली है. आज जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन के लिए मंजूरी दे दी है. खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी. इसके साथ ही भारत मे कोरोना के खिलाफ  पांच वैक्सीन हो गई है. 


अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना की  सिंगल डोज वैक्सीन है. जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज कोविड वैक्सीन गंभीर बीमारी के खिलाफ 85 प्रतिशत प्रभावी थी और अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु से सुरक्षा का प्रदर्शन करती थी.


ये वैक्सीन दो साल तक -4 डिग्री फ़ारेनहाइट (-20 डिग्री सेल्सियस) पर स्थिर रहने का अनुमान है और अधिकतम 4.5 महीने 2 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस के नियमित तापमान पर स्थिर रहता है. 


अब तक भारत जितनी भी कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन मिला है वो डबल डोज की है. इसे पहले भारत में भारत बॉयोटेक की कोवाक्सिन, सीरम की कोविशील्ड, रूस की स्पूतनिक-वी, मॉडर्ना को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन के लिए मंजूरी मिल चुकी है और ये सभी डबल डोज वैक्सीन है.


भारत बायोटेक की दो वैक्सीन डोज के बीच 28 दिनों का अंतर है, सीरम की कोविशील्ड की पहली डोज के बाद दूसरी डोज 12 हफ्ते बाद लगती है. वहीं रूस की स्पूतनिक-वी दो डोज के बीच 21 दिनों का अंतर है. 


जॉनसन एंड जॉनसन दूसरी विदेशी वैक्सीन है कोरोना की जिसे भारत मे इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन की मंजूरी मिली है, इसे पहले मोडर्ना की वैक्सीन को अनुमति मिली थी. जॉनसन एंड जॉनसन को डीसीजीआई द्वारा अनुमति मिलने से देश में अब कुल पांच वैक्सीन हो गई है. 


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत मे अब तक कुल 50,10,09,609 वैक्सीन डोज दी जा चुकी है जिसमें 39,00,41,560 पहली वैक्सीन डोज दी गई है जबकि 11,09,68,049 दोनो डोज दी जा चुकी है.


गोवा में एंट्री के लिए निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट या कोविड-19 वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य