Covid-19: देश में एक बार फिर कोरोना के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) ने कोविड-19 प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ बैठक की. पिछले दो हफ्तों में यह तीसरी बार है जब शीर्ष अधिकारियों ने राज्यों को कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के खिलाफ चेतावनी दी. अब लोगों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह एक और कोविड-19 का प्रकोप है? अगर है तो स्थिति कितनी भयावह होने वाली है? चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 


27 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में प्रतिदिन औसतन 1,471 नए कोरोना के मामले सामने आए थे. ठीक एक हफ्ते पहले यह संख्या 808 थी. इसका मतलब डेली केस रेट में 82 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, इसे समझने से पहले भी दो बातों को ध्यान में रखना चाहिए. पहला भारत की जनसंख्या का आकार. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अभी पूरे भारत में कोविड-19 के 10 हजार 981 केस एक्टिव हैं. मतलब 10 लाख भारतीयों पर वर्तमान में कोविड से संक्रमित केवल आठ लोग हैं. अपने चरम पर भारत में 3.75 मिलियन से ज्यादा सक्रिय मामले देखे गए थे जब मई 2021 में दूसरी लहर आई थी. यानी एक मिलियन लोगों पर लगभग 2,800 लोग कोरोना की चपेट में थे. 


दिखने लगा है ज्यादा खतरा 


दूसरा भारत में कई महीनों से कोरोना के मामलों में काफी कमी आई थी. ऐसे में साप्ताहिक मामलों में थोड़ी बढ़ोतरी भी साप्ताहिक मामले की वृद्धि दर को बढ़ा देता है और ऐसे में ज्यादा खतरा दिखने लगता है. फरवरी के पहले हफ्ते में महामारी के टूटने के बाद पहली बार औसत दैनिक मामले 100 से कम हो गए थे. इससे पहले 2022 में एक दिन में 20 हजार से भी अधिक केस रिकॉर्ड किए जा चुके हैं. काफी लंबे समय से मामलों में लगातार गिरावट आने के बाद अब थोड़ी बहुत बढ़ोतरी भी पहले की तुलना में ज्यादा नजर आ रही है. 


पॉजिटिविटी रेट भी बढ़ रहा है


एक और आंकड़ा जिसकी वजह से लोगों में डर है वो पॉजिटिविटी रेट के बढ़ने को लेकर है. आंकड़ा देखें तो पिछले सप्ताह देश में परीक्षण किए गए सभी सैंपल में से औसतन 1.5 प्रतिशत लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. यह एक सप्ताह पहले 1 प्रतिशत और उससे पहले के सप्ताह में 0.6 प्रतिशत था, लेकिन यहां एक बात को ध्यान में रखने की जरूरत है. दरअसल, इस समय इन्फ्लुएंजा के मामलों में भारी उछाल देखा जा रहा है जिसने लोगों को और ज्यादा कोविड टेस्ट कराने के लिए प्रेरित किया है. दोनों ही बीमारियों के ज्यादातर लक्षण एक ही जैसे हैं. जो इस समय पॉजिटिविटी रेट को बढ़ाने के लिए एक सबसे बड़ा कारण है. 


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