नई दिल्ली: बिहार चुनाव नतीजों ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के भीतर घमासान मचा दिया. पार्टी के दिग्गज नेता पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस सांसद और असंतुष्ट नेताओं में से एक कपिल सिब्बल ने कहा कि सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी डेढ़ साल से बिना अध्यक्ष के कैसा काम कर सकती है. कार्यकर्ता अपनी समस्या लेकर कहां जाएं?


एक टीवी इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने कहा कि राहुल गांधी ने जब से कहा कि वो पार्टी अध्यक्ष बनने के इच्छुक नहीं है और वो नहीं चाहते कि गांधी परिवार से अध्यक्ष हो. तब से पार्टी बिना अध्यक्ष के है. सिब्बल ने कहा कि हाल के चुनाव बताते हैं कि यूपी में कांग्रेस फैक्टर नहीं थी. लेकिन गुजरात और मध्य प्रदेश जहा कांग्रेस की सीधी लड़ाई बीजेप से थी. वहां भी नतीजे बुरी तरह से चौंकाने वाले हैं.


हम गुजरात की सभी आठ सीटें हार गए. 65% वोट बीजेपी को गए हैं, हालांकि ये कांग्रेस के दलबदलुओं द्वारा खाली की गई सीटें थीं. मप्र में कांग्रेस के दलबदलुओं के कारण सभी 28 सीटें खाली हो गईं लेकिन कांग्रेस केवल आठ सीटें जीत पाई.'' उन्होंने आगे कहा, "'जहां बीजेपी के साथ लड़ाई में कोई नहीं है, हम एक मजबू विकल्प नहीं बन पा रहे हैं. कुछ तो गड़बड़ है. हमें इस बारे में कुछ करना चाहिए.'


वरिष्ठ वकील ने कहा कि हमने जुलाई में संसदीय दल की बैठक में मुद्दा उठाया था. इसके बाद अगस्त में 23 नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी भी लिखी. लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हुई, कोई भी हमसे बात करने नहीं आया.


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