नई दिल्ली: कर्नाटक में 'सबसे बड़े दल' को सरकार बनाने का मौका मिलने के बाद गोवा, बिहार और मणिपुर में भी राजनीति गर्म हो गई है. कांग्रेस और लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की मांग है कि इसी फॉर्मूले के आधार पर राज्यपाल उन्हें सरकार बनाने का मौका दें.

मणिपुर विधानसभा में विपक्ष के नेता ओ इबोबी सिंह ने कहा कि राज्य में 2017 में हुये विधानसभा चुनाव के दौरान 60 सीटों में उनकी पार्टी कांग्रेस ने 28 पर जीत दर्ज की थी और वह सबसे बड़ी पार्टी है और ऐसे में वह राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने मणिपुर विधानसभा की 60 में से 21 सीट जीतने वाली बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था.

वहीं बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने गुरुवार को कहा कि वह अपने-अपने राज्य में राज्यपालों से कहेंगे कि जिस तरह कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बी.एस. येदियुरप्पा को सरकार बनाने का मौका दिया गया, उसी तरह हमें भी अपने राज्यों में सरकार बनाने का मौका दिया जाए. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "हम बिहार में सबसे बड़ी पार्टी हैं, इसलिए हम अपने विधायकों के साथ शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे."

उन्होंने कहा कि अगर कर्नाटक में सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्योता दिया गया, तो बिहार में उसी तर्ज पर सरकार बनाने का न्योता आरजेडी को मिलना चाहिए. तेजस्वी ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री बी़ एस़ येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिए जाने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि अन्य दलों के विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए बीजेपी को पर्याप्त समय दिया जाना कहीं से उचित नहीं है.

उन्होंने कहा, "हम बिहार के राज्यपाल से मौजूदा सरकार को सत्ता से हटाने और आरजेडी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का आग्रह करेंगे. आरजेडी 80 सीटों के साथ बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है."

गोवा में कर्नाटक फॉर्मूले की मांग गोवा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडाणकर ने यहां पत्रकारों से कहा, "अगर कर्नाटक के राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं, तो गोवा की राज्यपाल राज्य की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को क्यों नहीं आमंत्रित करती हैं. दो राज्यों के लिए दो मापदंड क्यों? दोहरे मानक क्यों?"

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गोवा कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला के नक्शेकदम पर चलकर राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रस को आमंत्रित करने की मांग की. कांग्रेस 2017 विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उन्होंने कहा, "मैं राज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि वह कर्नाटक के राज्यपाल का अनुसरण करें और गलती सुधारते हुए गोवा में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को आमंत्रित करें."

क्यों उठी मांग? कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (एस) ने मिलकर 117 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपी थी. लेकिन 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी को राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया और गुरुवार सुबह नौ बजे येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ भी दिला दी. सरकार बनाने के लिए बीजेपी को नौ विधायक अपने पक्ष में जुटाना है.

जनता दल (एस) प्रमुख एच.डी. कुमारस्वामी का कहना है कि उसके कई विधायकों को बीजेपी ने 100 करोड़ रुपये और कैबिनेट मंत्री पद का ऑफर दिया है, लेकिन उसके विधायक बिकने वाले नहीं हैं. बीजेपी क्या आसमान से नौ विधायक ले आएगी?

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