कर्नाटक में सरकारी जगहों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर कांग्रेस नेता और राज्य सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से उन्हें लगातार धमकी भरे फोन आ रहे हैं. 

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कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने हाल के दिनों में मिल रही धमकियों और अभद्र कॉल्स को दिखाया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक छोटा सा उदाहरण है उस गंदगी का, जो आरएसएस युवाओं और बच्चों के मन में भर रहा है.

'क्या शाखाओं की संस्कृति यही है कि मां-बहनों को गालियां दी जाएं' कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पुत्र प्रियांक खरगे ने सवाल उठाया कि क्या शाखाओं की संस्कृति यही है कि मां-बहनों को गालियां दी जाएं और उनका अपमान किया जाए? उन्होंने बीजेपी नेताओं से पूछा है कि क्या वे इस तरह की अभद्रता और नफरत भरी भाषा का वो लोग समर्थन करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा नेताओं के बच्चे तो अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन गरीब घरों के बच्चों को इन लोगों द्वारा नफरत और हिंसा में धकेला जा रहा है.

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मुझे और मेरे परिवार को डराने-धमकाने की कोशिश जारीकांग्रेस नेता के कहा कि पिछले दो दिनों से मेरे फोन की घंटी बजती रही है. मुझे और मेरे परिवार को धमकियों, डराने-धमकाने और गालियों से भरे फोन आ रहे हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि मैंने सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक संस्थानों में आरएसएस की गतिविधियों पर सवाल उठाने और उन्हें रोकने की हिम्मत की थी, लेकिन मैं न तो विचलित हूं और न ही हैरान.

'निर्दोष युवाओं को नफरत के चक्र से बाहर निकालेंगे'प्रियांक खरगे ने कहा कि हमारा संघर्ष व्यक्तियों से नहीं, बल्कि उस गंदी मानसिकता से है, जिसे आरएसएस फैला रहा है. हमें इन युवाओं को बौद्ध, बसव और आंबेडकर के विचारों से जोड़ना होगा. उन्होंने कहा कि वो इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और उनकी राजनीति सत्ता की नहीं, बल्कि विचारों और जनता की राजनीति है जो निर्दोष युवाओं को इस नफ़रत के चक्र से बाहर निकालेगी.

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