Congress New President Mallikarjun Kharge: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) बुधवार (19 अक्टूबर) को शशि थरूर को हराकर पार्टी के नए अध्यक्ष निर्वाचित हुए. इस तरह से 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष बना है. खड़गे ने अपने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को 6,825 मतों के अंतर से हराया. खड़गे को 7,897 वोट मिले और थरूर को 1,072 वोट हासिल हुए. चुनाव में 9,385 वोट पड़े थे और इनमें से 416 वोट अवैध करार दिए गए. पार्टी का कहना है कि खड़गे 26 अक्टूबर को अध्यक्ष पद का पदभार संभालेंगे. 


जीत के बाद खड़गे ने कहा कि पार्टी में कोई भी बड़ा या छोटा नहीं है तथा वह संगठन को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस के एक सच्चे सैनिक के तौर पर काम करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए कांग्रेस का हर कार्यकर्ता समान है और लोकतंत्र और संविधान को खतरे में डालने वाली फासीवादी ताकतों से लड़ने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा. थरूर ने चुनाव नतीजों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली और खड़गे को बधाई दी. उन्होंने यह भी कहा कि वह विरोध के नहीं, बदलाव के उम्मीदवार थे.



  1. खड़गे ने तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को हराया है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान हुआ था, जिसमें देश भर के 9500 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने वोट डाले. राजनीति में 50 साल से अधिक समय से सक्रिय खड़गे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष बनने वाले एस निजालिंगप्पा के बाद कर्नाटक के दूसरे नेता और जगजीवन राम के बाद इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे दलित नेता भी हैं.

  2. खड़गे की जीत की आधिकारिक घोषणा के कुछ देर बाद पार्टी की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उनके आवास पहुंचे और उन्हें बधाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं ने भी खड़गे को बधाई दी. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष की नयी भूमिका के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे जी को मेरी शुभकामनाएं. आगे उनका कार्यकाल सार्थक रहे.’’

  3. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मल्लिकार्जुन खड़गे जी को कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बधाई. कांग्रेस अध्यक्ष भारत के लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को संभालने जा रहे खड़गे जी का व्यापक अनुभव और वैचारिक प्रतिबद्धता पार्टी के बहुत काम आएगी.’’ 

  4. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष निर्वाचित होने पर दिल्ली में मुलाकात करके बधाई दी. राज्य के कई राज्यसभा सदस्य भी दिल्ली में खड़गे से मिले और उन्हें बधाई दी. पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने भी खड़गे को मिलकर जीत की बधाई दी और विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व व मार्गदर्शन में पार्टी कार्यकर्ताओं को एक नई दिशा मिलेगी. 

  5. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष चुने जाने पर मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई देते हुए कहा कि वह विपक्षी दलों के बीच एकता बनाने के लिए उनके साथ काम करने को लेकर उत्सुक हैं. शरद पवार ने ट्वीट किया, ''मल्लिकार्जुन खड़गे को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई. मैं उन्हें एक सफल और प्रेरक कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं. विपक्ष को एकजुट और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित हूं.''

  6. लगातार नौ बार विधायक चुने गये खड़गे के सियासी सफर का ग्राफ उत्तरोत्तर चढ़ाव दिखाता है. उन्होंने अपना सियासी सफर गृह जिले गुलबर्ग (कलबुर्गी) में एक यूनियन नेता के रूप में किया. साल 1969 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और गुलबर्ग शहरी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने. चुनावी मैदान में खड़गे अजेय रहे और साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कर्नाटक खासकर हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में नरेंद्र मोदी लहर के बावजूद गुलबर्ग से 74 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की. उन्होंने साल 2009 में लोकसभा चुनाव के मैदान में कूदने से पहले गुरुमितकल विधानसभा क्षेत्र से नौ बार जीत दर्ज की. वह गुलबर्ग से दो बार लोकसभा सदस्य रहे.

  7. हालांकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में खड़गे को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता उमेश जाधव के हाथों गुलबर्ग में 95,452 मतों से हार का सामना करना पड़ा. अपने गृह राज्य कर्नाटक में ‘सोलिल्लादा सरदारा’ (कभी नहीं हारने वाला नेता) के रूप में मशहूर खड़गे के कई दशकों के सियासी सफर में यह उनकी पहली हार थी. गांधी परिवार के विश्वस्त माने जाने जाने वाले खड़गे ने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली, जिससे एक प्रशासक के तौर पर उनका अनुभव समृद्ध हुआ. खड़गे ने कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने के अलावा साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख के रूप में काम किया.

  8. लोकसभा में साल 2014 से 2019 तक खड़गे कांग्रेस के नेता रहे, हालांकि वह लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता नहीं बन सके, क्योंकि कांग्रेस सांसदों की संख्या सदन की कुल संख्या की 10 प्रतिशत से कम थी. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार में खड़गे ने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में श्रम और रोजगार, रेलवे और सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग संभाला. उन्होंने राज्य में शासन करने वाली लगातार कांग्रेस सरकारों में विभिन्न विभागों का कार्यभार संभाला था.

  9. मिजाज और स्वभाव से सौम्य खड़गे कभी किसी बड़ी राजनीतिक समस्या या विवाद में नहीं फंसे. बीदर के वारावट्टी में एक गरीब परिवार में जन्मे खड़गे ने स्कूली पढ़ाई के अलावा स्नातक और वकालत की पढ़ाई कलबुर्गी में की. राजनीति में आने से पहले वह वकालत के पेशे में थे. वह बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और कलबुर्गी में बुद्ध विहार परिसर में निर्मित सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के संस्थापक-अध्यक्ष हैं.

  10. उन्होंने 13 मई, 1968 को राधाबाई से विवाह रचाया और दोनों के दो पुत्रियां और तीन बेटे हैं. खड़गे बेटे प्रियांक खड़गे विधायक हैं और कर्नाटक में मंत्री रहे हैं. नरेंद्र मोदी नीत सरकार के मुखर आलोचक खड़गे के कांग्रेस का नेतृत्व करने से कार्यकर्ताओं को बढ़ावा मिलने और राज्य में पार्टी नेतृत्व को एकजुट करने की उम्मीद है, जहां अगले साल अप्रैल तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.