कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने मंगलवार (2 दिसंबर, 2025) को संचार साथी ऐप को लेकर बड़ा बयान दिया है. थरूर ने कहा है कि यह ऐप लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है, लेकिन इसमें हर व्यक्ति की अपनी मर्जी होनी चाहिए कि वह इसे डाउनलोड करना चाहता है या नहीं. यह नहीं होना चाहिए कि सब कुछ केंद्र सरकार की तरफ से अनिवार्य कर दिया जाए और अगर अनिवार्य किया भी जाता है तो इसके पीछे जो कारण हैं, वो सरकार को हमें बताना चाहिए. इसके तथ्यों के बारे में खबरों से जानकारी मिले, यह अजीब सी बात है.
उन्होंने कहा, “देश का हर व्यक्ति इस ऐप का उपयोग कर सकता है, इसे डाउनलोड कर सकता है अगर उन्हें लगे कि इस ऐप की जरूरत हो तो और अगर उन्हें लगे कि हमें इस ऐप की जरूरत नहीं है तो उन्हें यह भी अधिकार होना चाहिए इस लोकतंत्र में कि मुझे इसकी जरूरत नहीं है, इसलिए मैं इसे नहीं लूंगा.”
सरकार ने अनिवार्यता के कारण नहीं बताए- शशि थरूर
तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने संसद भवन के परिसर में बातचीत के दौरान कहा, “अगर सरकार यह कहती है कि इस ऐप को अपने मोबाइल में रखना जरूरी है, यह नियम या कानून है तो उन्हें यह भी बताना पड़ेगा कि इसके पीछे वास्तविक कारण क्या हैं. इस बात को लेकर संसद के अंदर चर्चा नहीं की गई है.”
अगर मुझे ऐप जरूरी लगा तो मैं भी इसे इस्तेमाल करूंगा- शशि थरूर
संचार साथी ऐप के जरिए साइबर अपराध को रोकने के सरकार के दावे पर थरूर ने कहा, “कोई अपने फोन पर साइबर क्राइम नहीं चाहते हैं. अगर मुझे भी लगा कि यह ऐप उपयोगी है तो मैं भी इस्तेमाल करूंगा और अगर मुझे अच्छा नहीं लगा तो मैं नहीं इस्तेमाल करूंगा, बस इतनी सी बात है.”
उन्होंने कहा, “मेरे ख्याल में इस ऐप को सबके लिए अनिवार्य करने को लेकर और ज्यादा जानना चाहिए कि इसे क्यों किया जा रहा है. इसे लेकर किसी तरह की कोई चर्चा तो सरकार की ओर से हुई नही है.”
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