भोपाल: फ्रांस राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ख़िलाफ़ भारत में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. ऐसा ही एक प्रदर्शन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के इक़बाल मैदान में भी कल हुआ. कोरोना वायरस की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद की अगुवाई में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया. अब इसपर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख़्ती दिखाई है.


सीएम शिवराज ने कहा है कि मध्य प्रदेश शांति का टापू है. इसकी शांति को भंग करने वालों से हम पूरी सख्ती से निपटेंगे. इस मामले में 188 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा, वो चाहे कोई भी हो. प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि कोरोना महामारी को लेकर दी गई हिदायतों का प्रदर्शन के दौरान पालन नहीं किया गया. प्रदर्शन में जो लेाग हिस्सा लेने पहुंचे वे न तो मास्क लगाए थे और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा.



कांग्रेस विधायक ने केंद्र सरकार से की ये मांग


विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मांग की कि केंद्र सरकार फ्रांस में भारतीय राजदूत को वहां के शासन के 'मुस्लिम विरोधी' रुख के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए कहे. मसूद ने मैक्रों पर पैगंबर मोहम्मद के आक्रामक कार्टूनों का समर्थन करने और जानबूझकर मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया.


इक़बाल मैदान में भीड़ इकट्ठी करके कोरोना गाइडलाइन उल्लंघन करने पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद समेत करीब दो हज़ार लोगों के खिलाफ थाना तलैया में धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है.


क्यों हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन?


यह पूरा विवाद पेरिस के उपनगरीय इलाके में एक शिक्षक की हत्या के बाद शुरू हुआ, जिसने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून अपने विद्यार्थियों को दिखाए. बाद में उसकी सिर काटकर हत्या कर दी गई थी. शिक्षक की हत्या के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ओर से की गई विवादित टिप्पणी को लेकर मुस्लिम देशों के बीच फ्रांस के खिलाफ माहौल बनता जा रहा है.


शार्ली एब्दो नामक पत्रिका ने प्रकाशित किया था कार्टून


गौरतलब है कि जिस कार्टून को शिक्षक ने बच्चों को दिखाया था, उसे शार्ली एब्दो नामक पत्रिका ने प्रकाशित किया था और इसकी वजह से साल 2015 में पत्रिका के संपादकीय दल की बैठक के दौरान कुछ लोगों ने हमला कर हत्या कर दी थी.


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