चुनाव आयोग ने सोमवार (27 अक्टूबर, 2025) को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है. सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया की सफलता के बाद अब देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी इस प्रक्रिया की शुरुआत होगी. चुनाव आयोग की ओर से इस घोषणा के बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने कहा कि हमने बिहार में हुए एसआईआर को लेकर जो सवाल खड़े किए थे, अभी तक हमें उसके जवाब नहीं मिले हैं और आज चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा कर दी है.

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कांग्रेस नेता ने शेयर किया वीडियो पोस्ट

कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सोमवार (27 अक्टूबर, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सवालों के साथ एक वीडियो पोस्ट शेयर किया. पवन खेड़ा ने वीडियो में कहा, ‘आज चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा कर दी है. जबकि बिहार में हुए एसआईआर के कारण और उस पर जो सवाल हमने उठाए, उसका जवाब चुनाव आयोग ने अभी तक नहीं दिया. राहुल गांधी ने भी कई सारे तथ्य सामने रखे, लेकिन जवाब नहीं मिला.’

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उन्होंने कहा, ‘बिहार के एसआईआर को दुरुस्त करने के लिए अनेकों बार सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा, नहीं तो चुनाव आयोग की नीयत और मंशा और भारतीय जनता पार्टी, जिसने चुनाव आयोग को कठपुतली बना रखा है, की नीयत और मंशा बिहार एसआईआर से पूरी तरह स्पष्ट हो गई है.’

बिहार को लोकतंत्र की हत्या करने की प्रयोगशाला बनाया गया?- खेड़ा

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अपने वीडियो पोस्ट के कैप्शन में चुनाव आयोग को लेकर कुछ सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘SIR के जरिए क्या बिहार को लोकतंत्र की हत्या करने की प्रयोगशाला बनाया गया? 12 राज्यों में जो SIR की घोषणा हुई है, क्या उसके दिशा निर्देश 2003 के SIR से अलग होंगे? क्या SIR का यह राउंड भी सिर्फ वोट काटने के लिए है, क्योंकि बिहार में चुनाव आयोग ने डोर-टू-डोर अभियान करके नए वोटर जोड़ने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जबकि 65 लाख वोट काट दिए?’

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने की SIR 2.0 की सराहना

वहीं, दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता किरेन रिजिजू ने कहा, ‘SIR मतदाता सूची में शुद्धिकरण के लिए है. ये अच्छा काम है, इसकी सराहना की जानी चाहिए. जो लोग मर गए हैं, जो अवैध मतदाता हैं उनका नाम मतदाता सूची में नहीं हो सकता. मतदाता सूची का शुद्धिकरण होना चाहिए. जो भारत के नागरिक नहीं हैं उनका नाम मतदाता सूची में नहीं होना चाहिए. चुनाव आयोग अच्छा काम कर रहा है.’

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