कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर चौंकाने वाली बात कही है. हरीश रावत ने दावा किया है कि एक शख्स आर्मी सेंटर में कई बैलेट पेपर पर टिक और साइन करते हुए नजर आ रहा है. उनके मुताबिक यह बैलेट टेंपरिंग का मामला है और चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. रावत के इस दावे के बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी घमासान भी शुरू हो गया है. बीजेपी के नेता इस दावे को कांग्रेस की बौखलाहट बता रहे हैं.


जानें हरीश रावत ने क्या शेयर किया


हरीश रावत ने अपने टि्वटर हैंडल से मंगलवार को एक वीडियो शेयर किया और लिखा, "एक छोटा वीडियो सबकी जानकारी के लिए वायरल कर रहा हूं. इसमें एक आर्मी के सेंटर में किस प्रकार से एक ही व्यक्ति सारे वोटों को टिक कर रहा है और यहां तक कि सभी लोगों के हस्ताक्षर भी वही कर रहा है, उसका एक नमूना देखिए, क्या इलेक्शन कमीशन इसका संज्ञान लेना चाहेगा?"






यह बोले रावत के प्रवक्ता


जब इस ट्वीट को लेकर हरीश रावत के प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने इस वीडियो के सोर्स का खुलासा करने से इनकार किया लेकिन यह दावा किया कि वीडियो उत्तराखंड का ही है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने अभी तक इस संबंध में चुनाव आयोग से औपचारिक शिकायत नहीं की है, लेकिन आयोग इसका स्वत: संज्ञान ले सकता है.


कांग्रेसी और बीजेपी के बीच बयानबाजी शुरू  


कांग्रेस नेताओं ने इसे "लोकतंत्र का मजाक" करार दिया और चुनाव आयोग से वीडियो का संज्ञान लेने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया. उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह ने कहा, 'लोकतंत्र का मजाक बनाने वाले इस वीडियो में सेना के एक केंद्र पर एक व्यक्ति अपनी पसंद की पार्टी के पक्ष में कई डाक मतपत्रों पर टिक करता और हस्ताक्षर करता दिख रहा है. सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए."


ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा, "कांग्रेस इस तरह की रणनीति का सहारा ले रही है क्योंकि उसे पता है कि वह लोगों को गुमराह करने में विफल रही है. अपनी आसन्न हार के सामने जो पार्टी पहले ईवीएम में हेरफेर की बात कर रही थी वह अब मतपत्रों के बारे में बात कर रही है. यह पार्टी की हताशा को दर्शाता है. सेना को राजनीति से दूर रखना चाहिए और कांग्रेस को बिना जांचे-परखे ऐसे आरोप लगाने से बचना चाहिए." 


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