पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में नए सिरे से कलह शुरू हो गई है. बुधवार को एक बार फिर ‘जी 23’ समूह के नेताओं ने बैठक की. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के दिल्ली स्थित आवास पर हुई बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, अखिलेश प्रसाद सिंह, पृथ्वीराज चौहान, मणिशंकर अय्यर, पी जे कुरियन, संदीप दीक्षित, परिणीत कौर, शशि थरूर, राज बब्बर, राजिंदर कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा और भूपेंद्र हुड्डा समेत कई नेता मौजूद रहे. 


पहले यह बैठक पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के घर पर होनी थी लेकिन सिब्बल की तरफ से खुल कर गांधी परिवार के खिलाफ बयान देने के बाद बैठक की जगह बदली गई. आजाद के घर नेताओं के लिए डिनर का इंतजाम किया गया है. बैठक में पहुंचे कांग्रेस नेता विवेक तनखा ने कहा कि मैं निजी तौर पर दावत के लिए आया हूं, कोई सियासत या बगावत नहीं है.


बता दें कि जी 23 ग्रुप के प्रमुख सदस्य कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू में कहा है कि गांधी परिवार को कांग्रेस नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए.


जी 23 नेताओं की बैठक को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद भी ‘जी 23’ समूह के नेता बार-बार बैठकें करके पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.


उन्होंने यह भी कहा कि पूरी कांग्रेस में कोई भी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को कमजोर नहीं कर सकता और पार्टी के सभी लोग उनके साथ हैं.


खड़गे ने कहा, ‘‘उन्हें (जी 23 ग्रुप के नेता) 100 बैठकें करने दीजिए. सोनिया गांधी जी को कोई कमजोर नहीं कर सकता. कांग्रेस पार्टी पूरी तरह उनके साथ है. ये लोग बैठकें करते रहेंगे और भाषण देते रहेंगे.’’


खड़गे ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी वो सभी कदम उठा रही हैं जिन पर सीडब्ल्यूसी में चर्चा हुई थी. अगर वे (जी 23) इस तरह से बोलेंगे तो इसका यह मतलब यह होगा कि वे बार-बार बैठकें करके पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.’’


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