Odisha Assembly: कांग्रेस विधायकों ने बुधवार को ओडिशा विधानसभा का बहिष्कार किया. सदन में एक दिन पहले कांग्रेस और बीजेपी विधायकों के बीच हुई हाथापाई के बाद एक कांग्रेस विधायक के निलंबन के चलते कांग्रेस पार्टी ने यह कदम उठाया. दूसरी तरफ पत्रकार भी विधानसभा में विरोध कर रहे हैं. विधानसभा में अंदर न जाने देने की अनुमति के चलते यह विरोध हो रहा है.

दरअसल, ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस विधायकों में हाथापाई हो गई थी. इसके बाद अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने दुर्व्यवहार को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति को सात दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया था. अध्यक्ष के इसी फैसले के विरोध में कांग्रेस ने सदन के बहिष्कार का फैसला लिया है.

क्या हुआ था?ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब भाजपा के वरिष्ठ विधायक जयनारायण मिश्रा, कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति की ओर बढ़े.

दरअसल, शहरी विकास मंत्री केसी महापात्रा सदन में एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे लेकिन सदन में हंगामा मचा हुआ था. इसी दौरान बहिनीपति ने मंत्री महापात्रा से जवाब न देने को कहा. उनका कहना था कि विपक्षी सदस्य आसन के करीब हैं, इसलिए उन्हें अभी जवाब नहीं देना चाहिए. इसी वक्त बीजेपी विधायक जयनारायण मिश्रा उनके करीब आए और फिर झूमा-झटकी होने लगी.

सत्ता पक्ष के अन्य सदस्य भी सदन में आसन के पास आ गए और वहां मौजूद कांग्रेस सदस्यों के साथ उनकी हाथापाई हुई. कांग्रेस सदस्यों ने इस दौरान सरकार विरोधी नारे भी लगाए. विधानसभा अध्यक्ष पाढ़ी को तीन बार सदन स्थगित करना पड़ा.

बहिनीपति ने बाद में बताया था कि मिश्रा ने मेरा कॉलर पकड़ा और मुझे धक्का दिया. मैं मंत्री महापात्रा से हाथ जोड़कर अनुरोध कर रहा था कि वे सदन में शांति न होने तक जवाब देना बंद कर दें. उधर बीजेपी विधायकों का आरोप है कि बहिनीपति ने कार्यवाही रोकने के लिए अध्यक्ष के आसन पर चढ़ने का प्रयास किया था.

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