नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध के बीच कुछ इलाकों से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की शुरुआत हुई है. जिसके बाद कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या गलवान घाटी पर भारत के दावे को कमजोर किया जा रहा है.


पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, क्या आप हमारे ही क्षेत्र में ‘बफर जोन’ बना रहे हैं? क्या आप हमारे जवानों को अपने ही सीमा में 2.4 किलोमीटर पीछे कर रहे हैं? क्या आप पीपी-14 के भारतीय क्षेत्र होने पर समझौता कर रहे हैं?’’






"क्या भारत के दावे को कमजोर किया जा रहा है?"- सुरजेवाला


उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘ क्या आप गलवान घाटी पर भारत के दावे को कमजोर कर रहे हैं?’’ सुरजेवाला ने कहा कि भारत इन सवालों के जवाब मांगता है. वहीं इससे पहले उन्होंने कहा था कि पूरा देश अपने जवानों और सरकार के साथ एकजुट होकर खड़ा है. ऐसे में प्रधानमंत्री को हमारी भूभागीय अखंडता की मजबूती से रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों के बयानों से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, राष्ट्रीय सुरक्षा पावन होती है. भूभागीय अखंडता किसी समझौते से परे होती है. क्या यह सही है कि चीन के साथ नए प्रोटोकॉल के तहत भारतीय जवान पीपी-14 (गलवान घाटी), पीपी-15 (हॉट स्प्रिंग्स) और पीपी-17 (गोगरा) तक गश्त नहीं लगा सकते?’’


चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों से अपनी सीमित वापसी शुरू कर दी है


गौरतलब है कि सीमा पर तनाव कम होने के पहले संकेत के रूप में चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों से अपनी सीमित वापसी शुरू कर दी है. इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बात की जिसमें वे एलएसी से सैनिकों के ‘‘तेजी से’’ पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए.


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