Anand Sharma: कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अपनी ही पार्टी के नेताओं को घेरा है. उन्होंने कहा है कि जातिगत जनगणना का मुद्दा इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की विरासत का अपमान है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखी चिट्ठी में आनंद शर्मा ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर जातिगत जनगणना को पार्टी इतिहास के खिलाफ बताया है. उनका कहना है कि कांग्रेस ने कभी जाति की राजनीति नहीं की है और ये लोकतंत्र के लिए नुकसानदायक है.


दरअसल, जातिगत जनगणना की मांग करने वाले कांग्रेस नेताओं में राहुल गांधी सबसे आगे हैं. राहुल अपनी हर सभा में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं. उनका कहना है कि सरकारी नौकरियों से लेकर सरकार के मंत्रालयों तक में हर जाति का सही प्रतिनिधित्व नहीं है. राहुल ने जनता से वादा किया है कि अगर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है तो देश में जातिगत जनगणना करवाई जाएगी. कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारों की अब तक जो दो लिस्ट जारी हुई है, उसमें भी जाति का खास ख्याल रखा गया है.


जातिगत जनगणना लोकतंत्र के लिए हानिकारक: आनंद शर्मा


कांग्रेस अध्यक्ष को लिखी तीन पेज की चिट्ठी में आनंद शर्मा ने कहा जाति भले ही भारतीय समाज की वास्तविकता है, लेकिन कांग्रेस कभी भी जाति की राजनीति में शामिल नहीं हुई और न ही इसका समर्थन किया. समाचार एजेंसी आईएएनएस के जरिए शेयर की गई चिट्ठी में कहा गया, "यह विविधता वाले क्षेत्र, धर्म, जाति और जातीयता वाले समृद्ध समाज में लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. कांग्रेस हमेशा से समावेशी विचारधारा को मानने वाली पार्टी रही है. गरीबों और वंचित वर्ग के लिए न्याय सुनिश्चित करना इसका काम रहा है."






चिट्ठी में इंदिरा-राजीव गांधी को किया याद


आनंद शर्मा ने 1980 के इंदिरा गांधी के उस नारे को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था, "ना जात पर ना पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर." उन्होंने कहा, मंडल दंगों के बाद विपक्ष के नेता के रूप में राजीव गांधी ने 6 सितंबर, 1990 को लोकसभा में अपने ऐतिहासिक भाषण में कहा था, "अगर हमारे देश में जातिवाद को स्थापित करने के लिए जाति को परिभाषित किया जाता है तो हमें समस्या है. अगर जातिवाद को संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों में एक कारक बनाया जा रहा है तो हमें समस्या है. कांग्रेस खड़े होकर इस देश को विभाजित होते हुए नहीं देख सकती."


कांग्रेस नेता आनंद शर्मा यूपीए के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री थे. उन्होंने कहा कि पार्टी की ऐतिहासिक स्थिति से हटना देशभर के कई कांग्रेसियों और महिलाओं के लिए चिंता की बात है. इस पर चिंतन होना चाहिए. उन्होंने खरगे को लिखी चिट्ठी में कहा, "मेरी राय में, इसे इंदिरा जी और राजीव जी की विरासत का अपमान माना जाएगा."


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