नई दिल्ली: कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा भूमि खरीद में घोटाले का आरोप लगाया. पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट से सच का पता लगाने के लिए कोर्ट की निगरानी में जांच का आदेश देकर 'जिम्मेदारी' निभाने का आग्रह किया.


कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि अयोध्या में बीजेपी नेताओं के हाथों भगवान राम के नाम पर चंदा इकट्ठा कर 'लूट' की जा रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट की 'चुप्पी' पर सवाल उठाए.


सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी के एक नेता ने फरवरी में अयोध्या में 890 मीटर जमीन 20 लाख रुपये में खरीदी और फिर उसे 2.5 करोड़ रुपये की भारी-भरकम धनराशि में मंदिर ट्रस्ट को बेचकर केवल 79 दिन में 1250 फीसदी का मुनाफा कमाया.


कांग्रेस नेता ने कहा, 'भगवान राम के मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार किया जा रहा है. क्या यह ट्रस्ट बनाने वाले सुप्रीम कोर्ट, उसके न्यायाधीशों और प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है कि वे सच का पता लगाएं और इसकी जांच कराएं.'


पत्रकारों ने सुरजेवाला से पूछा कि क्या पार्टी इस कदम के खिलाफ कोर्ट जाएगी तो उन्होंने कहा, 'क्या कोर्ट को इस मामले पर स्वत: संज्ञान नहीं लेना चाहिये? सुप्रीम कोर्ट को अपना कर्तव्य निभाते हुए अपनी निगरानी में, पूरे लेनदेन का ऑडिट कराना चाहिये और दोषियों को सजा देनी चाहिये.'


सुरजेवाला ने कहा, 'अब सवाल यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट और प्रधानमंत्री अपने कर्तव्य निभाएंगे? हम इसे उनके विवेक पर छोड़ते हैं.' उन्होंने कहा कि अगर किसी की जिम्मेदारी बनती है तो वह हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ,जिन्होंने यह ट्रस्ट बनाया है. उन्होंने कहा, 'यह न केवल नैतिकता नहीं बल्कि संवैधानिकता का भी सवाल है.'


कांग्रेस नेता ने कहा कि गेंद प्रधानमंत्री के पाले में है. देखते हैं कि वह क्या निर्णय लेते हैं. उन्होंने कहा कि जनता भगवान राम के नाम पर चंदा लूटने वालों को माफ नहीं करेगी. इससे पहले, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इस साल 18 मार्च को पंजीकृत भूमि दस्तावेजों के अनुसार 2 करोड़ रुपये में खरीदी गई जमीन ट्रस्ट को 'मिनटों के भीतर' 18.5 करोड़ रुपये में बेच दी गई. पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में 'घोटाले' की जांच की मांग की थी.


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