गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस राज्य में बड़ी राजनीतिक पहल करने जा रही है. पार्टी 21 नवंबर से ‘जन आक्रोश यात्रा’ की शुरुआत करेगी, जो करीब दो महीने तक चलेगी. इसका उद्देश्य राज्य में सत्ता विरोधी लहर का लाभ उठाना और स्थानीय मुद्दों को जनता के बीच मजबूती से उठाना है. यात्रा को बेहतर प्रबंधन के लिए गुजरात को 4 जोन में विभाजित किया गया है. इसकी शुरुआत नॉर्थ ज़ोन के धीमा से होगी और गांधीनगर में समापन होगा.

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यात्रा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल होने वाले हैं. जन आक्रोश यात्रा को लेकर आज दिल्ली में कांग्रेस की अहम बैठक हुई. बैठक में गुजरात के प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक, सह प्रभारी रामकिशन ओझा, श्रीनिवास और सुभाषिनी यादव शामिल हुए. बैठक में यात्रा की विस्तृत रूपरेखा तैयार की गई और तय किया गया कि किन क्षेत्रों में शीर्ष नेतृत्व शामिल होगा और कौन से मुद्दे जोर-शोर से उठाए जाएंगे.

यात्रा के दौरान किन मुद्दों पर होगी बातसूत्रों के मुताबिक यात्रा के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, आदिवासी और वोट चोरी जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से उठाए जाएंगे. कांग्रेस का मानना है कि ये यात्रा चुनाव से पहले जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने और सरकार के खिलाफ बढ़ते जन असंतोष को राजनीतिक मोड़ देने में अहम भूमिका निभाएगी. हाल ही में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मुंह की खानी पड़ी, जिसमें NDA के सामने सिर्फ 35 सीटें मिली और वो दूसरे नंबर पर रही. उसका वोट शेयर 37.6 फीसदी रहा. वहीं NDA 202 सीटों पर जीत हासिल की और उनका वोट शेयर 46.5 फीसदी रहा. इस चुनाव में कांग्रेस को महज 6 सीटों पर जीत हासिल हुई.

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