मुंबईः देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ कई राज्यों में पाबंदियां लगाई गई थी. वहीं देशभर में कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने पर मार्च में लगाए गए लॉकडाउन के बाद से ही मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनें आम आदमी के लिए बंद हैं. फिलहाल अब महाराष्ट्र के सीएम मुंबई की उपनगरीय ट्रेनों के दोबारा परिचालन पर विचार कर रहे हैं.


सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर होगा फैसला


मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा है कि मुंबई की उपनगरीय ट्रेनों के दोबारा परिचालन पर सरकार विचार कर रही है. उनका कहना है कि अब महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी कम हो गई है. वहीं मुंबई में बीते तीन सप्ताह से नए कोरोना मामलों की संख्या औसतन 500 से कम रही है. ऐसे में लोकल ट्रेनों के परिचालन के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर फैसला लिया जाएगा.


बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से किया था सवाल


फिलहाल इस मामले बीते सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया था कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को मुंबई लोकल में सफर की इजाजत क्यों नहीं जा रही है. बॉम्बे हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ का कहना है कि जब कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के बाद भी उन्हें घर में रहना पड़े तो वैक्सीन देने का क्या फायदा.


आम लोगों के लिए बंद है लोकल ट्रेन


बता दें कि इससे पहले महाराष्‍ट्र के कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने बीते महीने यह संकेत दिए थे कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को लोकल ट्रेन में सफर की इजाजत दी जा सकती है. फिलहाल मुंबई लोकल में फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही सफर की अनुमति दी गई है. वहीं मुंबई की लोकल ट्रेनें बीते साल 2020 के मार्च महीने से आम लोगों के लिए बंद की गई हैं.


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