पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में हाल ही में आयोजित गीता पाठ कार्यक्रम में दो खाद्य विक्रेताओं पर हुए हमले को लेकर गुरुवार (11 दिसंबर, 2025) को भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्य में इस तरह की धमकियों और धार्मिक विभाजन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. किसी को यह तय करने की इजाजत नहीं दी जाएगी कि लोगों को क्या खाना चाहिए. 

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उन्होंने कहा, “यह पश्चिम बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं. इस घटना के जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.” 

राज्य के नदिया जिले के कृष्णानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सभी आरोपियों को कुछ घंटों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा, “उन्होंने गरीब पैटी विक्रेताओं को पीटा. हमने कल रात सभी को गिरफ्तार कर लिया. हर जमावड़े में कुछ न कुछ बेचने वाले-फेरीवाले होते हैं. तुमने एक गरीब फेरीवाले को पीटा है. गरीबों को परेशान करने वाले किसी व्यक्ति को मैं नहीं छोड़ूंगी.”

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मुख्यमंत्री ने घटना को एसआईआर से जोड़ा

इस घटना को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के नाम पर पैदा किए गए भय के माहौल से जोड़ते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि एसआईआर से लेकर गरीब विक्रेताओं के उत्पीड़न तक, सब कुछ चुनाव से पहले उनकी साजिश का हिस्सा है. उन्होंने भाजपा पर राज्य में सांप्रदायिक विभाजन की संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उनकी सरकार राज्य में निरुद्ध केंद्रों (डिटेंशन सेंटर) की इजाजत नहीं देगी. उन्होंने कहा, “यह बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं. हम यहां निरुद्ध केंद्रों की अनुमति नहीं देंगे. जब तक हम सत्ता में हैं, कोई भी ऐसा केंद्र यहां स्थापित नहीं होने देंगे.”

सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर साधा निशाना

भाजपा पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा, “मैं सांप्रदायिक विभाजन में विश्वास नहीं करती. मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं. गीता पढ़ने के लिए सार्वजनिक सभा आयोजित करने की क्या जरूरत है? हम सभी गीता पढ़ते हैं. जो लोग ईश्वर से प्रार्थना करते हैं या अल्लाह से दुआ मांगते हैं, वे अपने हृदय में ऐसा करते हैं.” 

राजनीति के लिए ‘गीता, गीता’ का जाप करने वालों पर तीखा प्रहार करते हुए बनर्जी ने कहा, “मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि श्रीकृष्ण ने धर्म के बारे में क्या कहा? धर्म का अर्थ है इरादों की पवित्रता, मानवता और शांति. धर्म का अर्थ घृणा या विभाजन नहीं है. हम सभी घर पर गीता का पाठ करते हैं. ईश्वर हमारे हृदय में निवास करते हैं.”

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