Assam Gov Action Against Policemen: असम के पुलिस विभाग में शराब का खासा शौक रखने वाले कर्मचारियों पर सरकार का नया फरमान भारी पड़ा है. दरअसल सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने शराब की लत के 300 ऐसे पुलिसकर्मियों को वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर भेजने की पेशकश की है. ये एलान सीएम सरमा की तरफ से रविवार (30 अप्रैल) को किया गया. इन कर्मियों की जगह नए भर्ती किए गए नए पुलिसकर्मी लेंगे. इसके लिए पहले ही कवायद शुरू कर दी गई है.


सीएम ने दिया डेडवुड काटने का निर्देश


सीएम सरमा ने गुरुवार (27 अप्रैल) को सीनियर अधिकारियों और एसपी के साथ एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस की थी. इसमें उन्होंने पुलिस विभाग में सभी को शारीरिक तौर पर फिट रहने पर जोर देने के साथ ही विभाग के आला अधिकारियों को विभाग के डेडवुड यानी बेकार हो चुके कर्मचारियों को हटाने का निर्देश भी दिया था.


सीएम ने कहा था, "जो लोग शराब पीने के आदी हैं, अत्यधिक मोटे हैं और जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले हैं, उन्हें या तो वीआरएस या सीआरएस मुआवजा दिया जाएगा." उन्होंने डीजीपी और अन्य आला अधिकारियों को यह देखने का निर्देश दिया भी दिया कि क्या अधिकारी शारीरिक फिटनेस एक्सरसाइज में भाग ले रहे हैं, पुलिस स्टेशनों का दौरा कर रहे हैं, मामले दर्ज कर रहे हैं और उन्हें सही तरीके से सुलझा पा रहे हैं ? 




शराब का शौक पड़ा भारी


असम के पुलिस विभाग में "आदतन शराब पीने वाले" 300 कर्मचारियों का हैंगओवर एक सरकार के एक आदेश के साथ ही उतर गया है. दरअसल सरकार ने ऐसे पुलिस वालों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) देने पेशकश का एलान कर दिया है. इन पुलिसकर्मियों की खाली होने वालों पदों को भरने की योजना भी सरकार ने पहले ही बना ली है.


टीओआई के मुताबिक, इसके लिए नई भर्तियां की जा रही है. इनके लिए सरकार ने प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि विभाग में 300 ऐसे अधिकारी और जवान हैं जो शराब के आदी हैं. शराब का बहुत अधिक सेवन करने की वजह से इनकी सेहत और शरीर को खासा नुकसान पहुंचा है. सरकार के पास उनके लिए वीआरएस का प्रावधान है.


पुलिस को ईमानदार बनाने का मिशन


दरअसल 10 मई को असम में बीजेपी के नेतृत्व वाली दूसरी सरकार की दूसरी वर्षगांठ से पहले, सरमा ने प्रशासन के कामकाज में आमूल-चूल परिवर्तन करने और पुलिस को अधिक ईमानदार बल बनाने के लिए एक मिशन शुरू किया है. सीएम सरमा ने कहा कि हालांकि, इस तरह की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति अन्य जगहों पर प्रचलन में है, लेकिन असम में ऐसा पहली बार किया जा रहा है.


उन्होंने ये भी कहा, "यह एक पुराना नियम है, लेकिन हमने इसे पहले लागू नहीं किया था." हालांकि, सीएम ने कहा कि वीआरएस लेने वाले पुलिसकर्मियों को पूरा वेतन मिलता रहेगा, लेकिन उनकी जगह नई भर्तियां की जाएंगी. दरअसल कई बार असम में पुलिस वाले कैमरे में अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए पकड़े गए हैं. यहां तक की कभी-कभी अपने आला अधिकारियों के खिलाफ भी उन्होंने भद्दी बातें कहीं है. सूत्रों के मुताबिक, ड्यूटी के दौरान शराब के नशे में धुत होने के आरोप में कई पुलिस वालों को सस्पेंड तक किया जा चुका है.


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