CJI On New Criminal Law: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने शनिवार (20 अप्रैल) को मोदी सरकार की ओर से बनाए गए तीन क्रिमिनल लॉ की तारीफ करते हुए कहा कि यह कानून भारत के बदलने के संकेत है. सीजेआई के अनुसार नए कानूनों ने क्रिमिनल जस्टिस पर भारत के कानूनी ढांचे को नए युग में बदल दिया है. एक सम्मेलन में बोलते हुए सीजेआई ने कहा कि नए कानून तभी सफल होंगे, जब उन कानूनों को लागू करने वाले खुद इसे अपनाएंगे.


अब बदल रहा है भारत- सीजेआई


सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "मुझे लगता है कि संसद से पारित नए आपराधिक कानूनों का अधिनियम स्पष्ट संकेत दे रहा है कि अब भारत बदल रहा है. हमें समाज के भविष्य के लिए वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए नए कानूनों की आवश्यकता है. हमारा समाज आपराधिक कानून को पसंद करता है, यह तीनों कानून हमारे समाज के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोई भी कानून हमारे दैनिक आचरण को प्रभावित नहीं करता है."


एक जुलाई 2024 से लागू होगा कानून


इस सम्मेलन में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे. देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए नए कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई 2024 से लागू होंगे. इन तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिल गई थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को अपनी सहमति दी.


डेटा लीक की चुनौतियों पर बोले सीजेआई


अदालतों में डेटा लीक की चुनौतियों पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "कार्यवाही के डिजिटलीकरण और डिजिटल साक्ष्य बनाने के दौरान हमें लगातार आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और आरोपी के साथ-साथ पीड़ित की गोपनीयता की रक्षा करनी चाहिए. डिजिटल युग में व्यक्ति के डेटा और संवेदनशील जानकारी को अत्यधिक महत्व मिल गया है. हमें आपराधिक न्याय प्रणाली में विश्वास हासिल करने के लिए अपने नागरिकों की गोपनीयता सुरक्षित हो इसके लिए जनता में विश्वास जगाना चाहिए"


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