भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की मां कमलताई गवई ने स्पष्ट किया है कि वह 5 अक्टूबर, 2025 को अमरावती में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी. कमलताई गवई को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि वो इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगी. इस बात की जानकारी उन्होंने एक पत्र लिखकर दी, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला दिया है.
कमलताई गवई ने आधिकारिक पत्र जारी कर कहा कि उनकी उम्र 84 साल हो गई है और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अस्वस्थता और डॉक्टरों की परामर्श के कारण वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी.
मेरा पूरा जीवन आंबेडकर की विचारधारा को समर्पित रहा- कमलताई गवई
कमलताई गवई ने अपने पत्र में अपने और अपने दिवंगत पति के बारे में की गई झूठी टिप्पणियों पर दुख जताया. उन्होंने दुख जताते हुए कहा, ‘मेरा पूरा जीवन बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की विचारधारा और विपश्यना आंदोलन को समर्पित रहा है. मुझे एक कार्यक्रम के कारण कलंकित करने की कोशिश की जा रही है.’
उन्होंने कहा, ‘अगर मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में जाती भी, तो वहां सिर्फ आंबेडकर के विचारों और संवैधानिक मूल्यों पर ही संबोधित करती.’
CJI के भाई ने मामले पर कही ये बात
मामले के सामने आने पर इससे पहले कमलताई गवई के छोटे बेटे और भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के भाई डॉ. राजेंद्र गवई ने जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का कार्यक्रम अमरावती में आयोजित होने वाला है, जिसके लिए उनकी माता को निमंत्रण दिया गया है और उनकी माता कमलताई गवई ने उसे स्वीकार भी किया है.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी रिपब्लिकन पार्टी के दिग्गज नेता दादासाहेब गवई और राजाभाऊ खोब्रागडे भी शामिल हुए थे. ये हमारे परिवार की परंपरा रही है. उन्होंने कहा कि रिश्ते भाईचारे के है, लेकिन विचारधाराएं अलग-अलग हैं. किसी कार्यक्रम में शामिल होने का अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि हमारी विचारधारा बदल जाएगी. हमारी दोस्ती का रिश्ता रहेगा और हमारी विचारधार भी पक्की है.
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