Online Gambling and Frauds: ऑनलाइन जुआ और फ्रॉड अब सुरक्षाकर्मियों के आत्महत्या करने की एक बड़ी वजह बन रहा है. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के विशेष महानिदेशक पीयूष आनंद ने इन दोनों को लेकर अलर्ट किया है. देश में हवाई अड्डों, मेट्रो रेलवे नेटवर्क सहित कई अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा करने वाले सीआईएसएफ कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की घटनाओं से संबंधित एक सवाल पर पीयूष आनंद ने कहा कि ज्यादातर मामलों में आत्महत्या के पीछे के कारण पेशेवर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत थे.


'समय-समय पर करा रहे कर्मियों को जागरूक'


उन्होंने कहा कि हम जुए के संभावित नुकसान के खिलाफ कर्मचारियों को ट्रेंड करने के लिए फाइनेंशल लिट्रेसी क्लासेज का आयोजन करा रहे हैं. सीआईएसएफ के 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर भिलाई स्थित रीजनल ट्रेनिंग सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ में आत्महत्याएं एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं. हम प्रत्येक मामले में जांच करते हैं और अब तक किसी भी मामले में सहकर्मी, सीनियर या जूनियर को परेशान करते हुए नहीं पाया गया है.


'इस वजह से चुनते हैं यह गलत रास्ता'


उन्होंने आगे कहा, “एक और बात जो हमने समझी है वह यह है कि अधिकतर कर्मी ऑनलाइन जुए में उलझे हुए हैं. अगर कोई ऑनलाइन जुए में हारकर ₹10 लाख से ₹20 लाख का कर्ज कर लेता है तो वह तनाव महसूस करता है और उसे आत्महत्या के अलावा और कोई रास्ता नहीं दिखता है. इसके अलावा कई गलत रास्ते पर जाते हुए फ्रॉड करना शुरू कर देते हैं.


ट्रांसफर और उत्पीड़न पर कही ये बात


भिलाई केंद्र में वरिष्ठों की ओर से जूनियर का कथित मानसिक उत्पीड़न करने के कुछ उदाहरणों पर आनंद ने कहा कि फोर्स में काली भेड़ें हो सकती हैं लेकिन उनके लिए कोई सहिष्णुता नहीं है. स्टाफ के बार-बार तबादले किए जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी पारदर्शी है और यह कंम्प्यूटरीकृत है. हर व्यक्ति अपने नेटिव प्लेस में रहकर ही ड्यूटी करना चाहता है, लेकिन सीआईएसएफ में यह संभव नहीं है.  


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