चीन के विदेश मंत्री वांग यी इस महीने के अंत में भारत के दौरे पर आ सकते हैं. हालांकि वह किस दिन आएंगे, दौरे का क्या प्रारूप रहेगा यह तय नहीं है. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, अगर प्लान के मुताबिक यह दौरा रहा तो वांग पहले ऐसे वरिष्ठ चीनी नेता होंगे, वो जो लद्दाख सेक्टर में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत-चीन की सेनाओं की झड़प के बाद भारत आएंगे. 


जून 2020 को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. चीन ने अपने चार सैनिकों के मारे जाने का दावा किया था. 


फिलहाल विदेश मंत्रालय की ओर से वांग के भारत आने की रिपोर्ट्स पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है लेकिन सब कुछ तय होना बाकी है. जानकार लोगों ने कहा कि दौरे का प्रस्ताव चीन की ओर से आया है और स्टेट काउंसिलर रैंक रखने वाले वांग यी नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और पाकिस्तान भी जाएंगे.


काठमांडू पोस्ट ने मंगलवार को कहा कि वांग यी 26-27 मार्च को नेपाल आ सकते हैं. वह राष्ट्रपति बिंदिया देवी भंडारी , प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और नेपाली विदेशी मंत्री नारायण खडका से मुलाकात कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, वह चाइना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत प्रोजेक्ट्स को और आगे ले जाने पर भी चर्चा कर सकते हैं. 


फिलहाल यह साफ नहीं है कि वांग यी भारत से पहले नेपाल जाएंगे या फिर बाद में. जब से एलएसी पर दोनों देशों के बीच तनाव शुरू हुआ है, भारत और चीन के शीर्ष नेतृत्व ने विभिन्न बैठकों में वर्चुअल हिस्सा लिया है. इन बैठकों में शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO), ब्राजील-रूस-भारत-चीन और दक्षिण अफ्रीका का ब्रिक्स शामिल है. 


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