नई दिल्ली: सीमा पर तनाव जारी है. एक तरफ चीन शांति की बात करता है तो दूसरी तरफ प्रोपेगेंडा फैलाता है. चीन प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स का सहारा लेता है. पहले युद्ध की धमकी देने वाले इस सरकारी अखबार ने अब शांति की बात की है.


ग्लोबल टाइम्स ने कहा, “भारत को लेकर चीन की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है...हम भारत को एक दुश्मन की तरह नहीं देखते हैं. द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने के लिए हम भारत के साथ सहयोग को तैयार हैं. पुरानी स्थिति बहाल होने में थोड़ा वक्त जरूर लगेगा. दोनों देशों को एक दूसरे से मुलाकात करने रहना होगा.”


ग्लोबल टाइम्स चीनी सरकार का मुखपत्र है. अभी शांति की बात करने वाले इस अखबार के एडिटर ने कुछ दिनों पहले भारत को युद्ध की धमकी दी थी. अखबार के संपादक ने कहा था कि अगर युद्ध हुआ तो भारत हार जाएगा. भारत के संसाधन काफी कमजोर हैं. भारतीय जवानों की सर्दी या कोरोना से मौत हो जाएगी. भारत सर्दी में पीछे नहीं हटा तो चीन तैयार है. ये बयान तब सामने आया था जब रूस में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक चल रही थी.


उधर सोमवार को भारत में चीन के राजदूत ने कहा कि हम मौजूदा परेशानियों को दूर करने का तरीका ढूंढ़ लेंगे. उन्होंने कहा कि चीन के स्टेट काउंसलर और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की तरफ से बनी आम सहमति, संवाद और बातचीत के साधनों का दोनों देशों के फ्रंट लाइन सैनिक सही से पालन करेंगे तो भरोसा है कि हम कठिनाइयों को दूर करने का एक तरीका खोज लेंगे.


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