रायपुर: केरल, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि वह एनपीआर लागू नहीं करेगी. छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हम राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का विरोध करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह इसके खिलाफ हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति होंगे.
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को एनआरसी और एनपीआर से जोड़कर कांग्रेस समेत अन्य दल और संगठन इसका विरोध कर रहे हैं.
दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन जारी है. आज चेन्नई समेत तमिलनाडु के कई प्रमुख शहरों में हजारों की संख्या में लोग नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आए.
विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का ही छद्म रूप है. वहीं सत्तारूढ़ दल बीजेपी कई मौकों पर साफ कर चुकी है कि एनपीआर का सीएए-एनआरसी से कोई संबंध नहीं है. पार्टी का कहना है कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार के दौरान ही एक अप्रैल, 2010 से 30 सितंबर, 2010 तक एनपीआर बनाने का निर्णय लिया गया था. अब विरोध का क्या मतलब है?
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