छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 16 दिसंबर 2025 को सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में पहले ही छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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ED की रायपुर जोनल टीम ने सौम्या चौरसिया को PMLA के तहत गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद उसे स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया गया. जहां से तीन दिन की ED रिमांड पर भेज दिया गया.

इस घोटाले से छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ा नुकसान हुआ है

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ये जांच ACB/EOW रायपुर की तरफ से दर्ज FIR के आधार पर शुरू की गई थी. शुरुआती जांच में सामने आया कि इस शराब घोटाले से छत्तीसगढ़ सरकार को भारी नुकसान हुआ. जांच एजेंसियों के मुताबिक, इस पूरे खेल से करीब 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई की गई, जिसे अलग-अलग तरीकों से सफेद किया गया.

ED की जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि सौम्या चौरसिया को करीब 115.5 करोड़ रुपये की अवैध रकम मिली थी. एजेंसी के पास मौजूद डिजिटल सबूत, जब्त कागजात और गवाहों के बयान बताते है कि वो शराब सिंडिकेट की सक्रिय सदस्य थी.

अहम कड़ी थीं सौम्या चौरासिया

जांच में सामने आया है कि सौम्या चौरसिया इस पूरे नेटवर्क की अहम कड़ी थी. वो इस घोटाले से जुड़े बड़े आरोपियों, खासकर अनिल टुटेजा और चैतन्य बघेल, के बीच तालमेल बैठाने का काम करती थी.

ED के मुताबिक, अवैध पैसे जुटाने और उसे इधर-उधर घुमाने में उनकी भूमिका काफी अहम थी. ED को मिले चैट्स और डिजिटल रिकॉर्ड से ये भी पता चला है कि शराब सिंडिकेट की शुरुआती योजना बनाने में सौम्या चौरसिया की भूमिका रही. आरोप है कि उन्होंने आबकारी विभाग में अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास जैसे अधिकारियों को अहम पदों पर बैठाने में मदद की, जिससे घोटाले को अंजाम देना आसान हो गया.

इस केस में हो चुकी कई बड़ी गिरफ्तारियां

इससे पहले ED इस मामले में कई बड़ी गिरफ्तारियां कर चुकी है. गिरफ्तार लोगों में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, ITS अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी मंत्री और विधायक कवासी लखमा और पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल शामिल है.

फिलहाल ED इस पूरे शराब घोटाले की गहराई से जांच कर रही है. एजेंसी का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते है.