रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए हैं. सुरक्षा बलों ने लापता 17 जवानों के शव बरामद कर लिए हैं. 20 से ज्यादा हथियार जवानों के शव के पास से नहीं मिले हैं. नक्सली जवानों की हत्या करने के बाद हथियार लूट ले गए हैं. हमले का मास्टरमाइंड बटालियन नंबर 1 का हेड हिडमा है. माओवादियों का सबसे बड़ा बटालियन है ये. वहीं इस हमले की वजह से गृहमंत्री अमित शाह ने भी चुनावी दौरा छोड़ दिल्ली रवाना हो गए हैं.


अमित शाह ने रविवार सुबह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फोन कर बीजापुर में हुई नक्सली घटना के संबंध में विस्तृत चर्चा की. मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय गृह मंत्री को बीजापुर में राज्य और केंद्र के सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ की मैदानी स्थिति से अवगत कराया.


सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच कल हुई थी मुठभेड़
शनिवार को सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत जोनागुड़ा गांव के करीब सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें पांच जवानों के शहीद होने और 30 अन्य जवानों के घायल होने की जानकारी मिली थी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शहीद जवानों में से दो जवानों के शव सुरक्षा बलों ने बरामद किए थे और तीन अन्य जवानों के शव शिविर नहीं लाए जा सके थे. वहीं इस घटना के दौरान 18 अन्य जवानों के लापता होने की जानकारी मिली थी. लापता जवानों की तलाश में आज सुरक्षा बलों को रवाना किया गया था. सुरक्षा बलों ने शनिवार को शहीद तीन जवानों के शवों और 17 अन्य जवानों (कुल 20 जवानों) के शवों को बरामद कर लिया है.


पुलिस अधिकारी ने बताया था कि शनिवार दोपहर लगभग 12 बजे बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर जगरगुंड़ा थाना क्षेत्र (सुकमा जिला)के अंतर्गत जोनागुड़ा गांव के करीब नक्सलियों की पीएलजीए बटालियन तथा तर्रेम के सुरक्षा बलों के मध्य मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ तीन घंटे से अधिक समय तक चली.


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