Mahadev Betting App News: महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले में एक नया मोड़ आ गया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर इस मामले में 508 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाने वाला शख्स अब अपने बयान से पलट गया है. उसने दावा किया है कि उसने कभी भी किसी राजनेताओं को कोई नकदी नहीं पहुंचाई है. उसे फंसाया गया है. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से गिरफ्तार किए गए एक शख्स ने छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले बघेल पर यह आरोप लगाया था.


प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से चार दिन पहले 3 नवंबर को असीम दास नाम के शख्स को कथित रूप से 5 करोड़ रुपये से अधिक नकदी के साथ गिरफ्तार किया था. ईडी ने कहा था कि दास ने एक कुरियर होने का दावा किया और यह भी कहा कि महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों ने बघेल को 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. जांच एजेंसी ने तब कहा था कि चौंकाने वाले आरोप जांच का विषय है.


दास ने जेल से ईडी निदेशक को लिखा लेटर


अब चुनाव के बाद दास ने ऐसे किसी भी आरोपों से इनकार किया है. जेल से ईडी के निदेशक को लिखे लेटर में दास ने कहा कि “उसे फंसाया जा रहा है. अधिकारियों ने उसे अंग्रेजी में लिखे एक बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया, जबकि वह अंग्रेजी नहीं समझता है.”


'रियल एस्टेट का काम शुरू करना चाहता था शुभम'


लेटर में दास ने दावा किया कि “अवैध ऐप का मास्टरमाइंड शुभम सोनी उनका बचपन का दोस्त था. सोनी के आग्रह पर वह इस साल अक्टूबर में दो बार दुबई गया था.” दास ने लिखा कि "सोनी छत्तीसगढ़ में एक कंस्ट्रक्शन बिजनेस शुरू करने की इच्छा रखता था और उसने मुझसे इसी काम को करने के लिए कहा था. उसने इस काम के लिए फंड की व्यवस्था करने का वादा भी किया था."


'कोई कार में रुपयों से भरा बैग रखकर भागा था'


दास ने लेटर में आगे लिखा है, "जिस दिन मैं रायपुर हवाई अड्डे पर उतरा, मुझे कहा गया कि एक कार लेने आएगी. इसके बाद वीआईपी रोड पर एक होटल में चेकइन करने के लिए कहा गया. मुझे कार को एक खास स्थान पर पार्क करने के लिए कहा गया था, जहां बाद में एक व्यक्ति नकदी से भरा बैग कार में रखकर फरार हो गया. इसके बाद मुझे फोन पर अपने होटल के कमरे में वापस जाने के लिए कहा गया और कुछ समय बाद ही ईडी अधिकारी मेरे कमरे में आए और मुझे अपने साथ ले गए. बाद में मुझे अहसास हुआ कि मुझे फंसाया जा रहा है. मैंने कभी भी पैसे या कोई अन्य सहायता किसी नेता को नहीं दी है."


इस तरह सामने आया था यह फर्जीवाड़ा


बता दें कि फरवरी में संयुक्त अरब अमीरात में 200 करोड़ रुपये की शादी के बाद महादेव ऐप जांच एजेंसियों के निशाने पर आ गया था. इस खर्चे का का भुगतान पूरी तरह से नकद में किया गया था. ईडी की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक ने पहले दावा किया था कि सट्टेबाजी और हवाला सिंडिकेट को चालू रखने के लिए पुलिस, राजनेताओं और नौकरशाहों को ऐप में हिस्सेदारी दी गई थी. इस मामले में ईडी इस ऐप के लिए विज्ञापन करने वाले बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर और श्रद्धा कपूर से भी पूछताछ कर रही है.


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