Chhath Puja: सूर्योदय के साथ ही छठ महापर्व के चौथे दिन सूर्यदेव को प्रात:कालीन अर्घ्‍य देकर आस्था के इस चार दिवसीय महापर्व का समापन हो गया. देश के अलग-अलग हिस्सों में श्रद्धालुओं ने पानी में उतरकर उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दिया और सुख-संपन्नता की कामना की. इसके साथ ही, कोरोना महामारी के खात्मे की भी मन्नतें मांगी. बिहार में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पटना के पाटीपुल घाट पर गंगा किनारे छठ की पूजा कर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. तो वहीं कुछ श्रद्धालु पटना कॉलेज घाट में सूर्यदेव की पूजा की. दिल्ली में श्रद्धालुओं ने छठ के आखिरी दिन शास्त्री पार्क में आर्टिफिशियल घाट बनाकर उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दिया.


झारखंड के रांची में भी हटानिया तालाब में व्रतियों ने छठ पूजा के चौथे दिन उगते हुए सूर्यदेव को प्रात:कालीन अर्घ्य दिया. महाराष्ट्र में छठ के मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने चार दिवसीय छठ पूजा में हिस्सा लिया. मुंबई के कुर्ला इलाके में तालाब में उतरकर व्रती ने उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देकर इस पूजा का समापन किया. यूपी  के सीएम योगी आदित्यनाथ ने छठ पर्व के इस खास मौके पर लोगों के सुख-संपन्नता की कामना की. 




इस मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के भजनपुर के गवडी इलाके में बने छठ घाट पर श्रद्धालुओं के लिए वैक्सीनेशन कैम्प का आयोजन भी किया गया था. एसडीएम शरत कुमार ने कहा- “उन लोगों के लिए कैम्प लगाया गया है जिन्होंने वैक्सीन नहीं लिया है और भी वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है. करीब 8 हजार लोग यहां पर अर्घ्य दे रहे हैं.” छठ के इस महापर्व पर बीजेपी के सीनियर नेता रविशंकर प्रसाद ने उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देकर जनता के सुख और समृद्धि की कामना की.












इससे पहले व्रतियों ने बुधवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया. गंगा और अन्‍य नदियों के किनारे तथा तालाबों व अन्‍य जलाशयों पर आस्‍था का जन-सैलाब उमड़ रहा है. चार दिवसीय छठ पूजा का आज चौथा और आखिरी दिन है. कठिन व्रतो में से एक छठ का व्रत 36 घंटे तक निर्जला रखा जाता है. खरना के दिन शाम को गुड़ वाली खीर खाते हैं और फिर 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखा जाता है. खरना के दिन ही छठ पूजा की सारी तैयारी कर ली जाती है. 





कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन सूर्य को संध्या अर्घ्य देते हैं और छठी मैय्या की पूजा करते हैं. कल यानी 11 नवंबर के दिन सुबह फिर से उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसके बाद प्रसाद बांटा जाता है. इन सब के बाद ही व्रती महिलाएं व्रत का पारण कर सकती हैं. छठ पर्व का समापन सुबह के समय सूर्य अर्घ्य के बाद किया जाता है. छठ पर्व पर सूर्य देव और उनकी बहन छठ मैय्या की उपासना की जाती है. संतान के जीवन में सुख की प्राप्ति और संतान प्राप्ति के लिए छठ का व्रत रखा जाता है. 36 घंटे निर्जला व्रत रखने के बाद उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का समापन किया जाता है. 


सूर्य को अर्घ्य देने के बाद लोगों में प्रसाद का वितरण किया जाता है. उसके बाद ही व्रत का पारण किया जाता है. छठ व्रत और छठ पूजा आदि करने से छठ मैय्या की आशीष मिलती है और निरोगी जीवन की प्राप्ति होती है. कठिन व्रतो में से एक छठ का व्रत 36 घंटे तक निर्जला रखा जाता है. खरना के दिन शाम को गुड़ वाली खीर खाते हैं और फिर 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखा जाता है. खरना के दिन ही छठ पूजा की सारी तैयारी कर ली जाती है. कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन सूर्य को संध्या अर्घ्य देते हैं और छठी मैय्या की पूजा करते हैं. आज यानी 11 नवंबर के दिन सुबह फिर से उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसके बाद प्रसाद बांटा जाता है. इन सब के बाद ही व्रती महिलाएं व्रत का पारण कर सकती हैं. 


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