Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने वाले एलवीएम3 एम4 प्रक्षेपण यान का ‘क्रायोजेनिक’ ऊपरी हिस्सा बुधवार को पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से फिर से प्रवेश कर गया.  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी. 


इसरो ने एक बयान में कहा, ‘‘संभावित प्रभाव बिंदु का अनुमान उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर लगाया गया है. अंतिम ‘ग्राउंड ट्रैक’ (किसी ग्रह की सतह पर किसी विमान या उपग्रह के प्रक्षेप पथ के ठीक नीचे का पथ) भारत के ऊपर से नहीं गुजरा. ’’


इसरो ने क्या कहा?
इसरो ने बताया कि यह रॉकेट बॉडी एलवीएम-3 एम4 प्रक्षेपण यान का हिस्सा थी. यह अंतरराष्ट्रीय समयानुसार दोपहर दो बजकर 42 मिनट के आसपास पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश कर गया.  इसरो ने कहा कि रॉकेट बॉडी का पुन: प्रवेश इसके प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर हुआ. 




कब हुई सॉफ्ट लैंडिंग


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार (14 जुलाई) को श्रीहरिकोटा से एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान 3 का सफलतापूर्वक लॉन्च किया. इसकी सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को हुई थी. इसी के साथ हिंदुस्तान दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया था. वहीं हिंदुस्तान चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया था. इससे पहले ये काम सिर्फ चीन, अमेरिका, और  तत्कालीन सोवियत संघ ही कर सके हैं. 


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