Chandrayaan 3 Landing on Moon: मिशन मून चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग का पूरा देश जश्न मना रहा है. इस महत्वकांक्षी मिशन की सफलता इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का नतीजा है. 23 अगस्त को जैसे ही चंद्रयान ने चांद की धरती को छुआ तो पूरा हिंदुस्तान खुशी से झूम उठा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से लेकर तमाम लोग इसरो को बधाई दे रहे हैं. पूरा हिंदुस्तान वैज्ञानिकों की मेहनत को सलाम कर रहा है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसरो को मिशन की बधाई दी, लेकिन अपनी एक चूक की वजह से चर्चाओं में आ गईं.


एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रयान-3 की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग से पहले ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम में इसरो को शुभकामनाएं दीं और इसके कामयाब होने की कामना की. इसी दौरान जब उन्होंने 1984 के मिशन का किस्सा छेड़ा तो वह एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा के बजाय फिल्म मेकर राकेश रोशन को इसका क्रेडिट दे बैठीं. दरअसल, वह नाम में कंफ्यूज हो गईं और राकेश शर्मा के बजाय राकेश रोशन का नाम बोल गईं. अब इस बयान को लेकर वह चर्चा में आ गई हैं.


क्या बोलीं ममता बनर्जी?
ममता बनर्जी ने कहा, 'पश्चिम बंगाल की जनता की ओर से मैं इसरो को बधाई देती हूं. वैज्ञानिकों को इसका क्रेडिट मिलना चाहिए. जब राकेश रोशन चांद पर पहुंचे थे तो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा था कि वहां से भारत कैसा दिखता है.'


चंद्रयान-3 को लेकर क्या बोले राजस्थान के मंत्री?
ममता बनर्जी ही नहीं और भी नेता हैं, जो चंद्रयान-3 पर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राजस्थान सरकार में खेल मंत्री अशोक चंदा ने कहा कि वह चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर अंतरिक्ष यात्रियों को इसकी सलाम करंगी. चंद्रयान-3 मानवरहित मिशन है. स्पेसक्राफ्ट के जरिए इसरो चांद पर रिसर्च कर रहा है. उन्होंने कहा, 'चंद्रयान की सफल लैंडिंग पर मैं यात्रियों को सलाम करूंगा. हमारे देश ने विज्ञान और अंतरिक्ष में रिसर्च में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है.'


अंतरिक्ष पर जाने वाले पहले भारतीय एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा
एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के Soyuz T-11 अभियान के तहत स्पेस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अंतरिक्ष यात्रा पर गए राकेश शर्मा से पूछा था कि वहां से भारत कैसा दिखता है और राकेश शर्मा ने कहा था- सारे जहां से अच्छा. चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिग के साथ इतिहास रच दिया. दक्षिणी ध्रुव पर आजतक कोई देश नहीं पहुंचा है. ऐसा करने वाला भारत पहला और चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग देशों की लिस्ट पर चौथे नंबर बन गया है.


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