बेंगलुरु: इसरो का चंद्रयान-2 आज शाम 6 से 7 बजे के बीच चंद्रमा की पांचवीं कक्षा में प्रवेश कर जाएगा. इससे पहले चंद्रयान-2 ने शनिवार को चंद्रमा की चौथी कक्षा में प्रवेश किया था. इसरो ने कहा कि आगामी दो सितंबर को लैंडर 'विक्रम' ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और सात सितंबर को यह चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में 'सॉफ्ट लैंडिंग' करेगा. लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद इसके भीतर से 'प्रज्ञान' नाम का रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा.


हर एक पल पर वैज्ञानिकों की कड़ी नजर


बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-2 चंद्रमा की कक्षा में 20 अगस्त को प्रवेश किया था. इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है. इसे सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए इसरो के वैज्ञानिक काफी तल्लीनता से इस मिशन पर कार्य कर रहे हैं. अतंरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि चंद्रयान-2 की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.


22 जुलाई को श्रीहरिकोटा से हुई थी मिशन की शुरुआत 


जानकारी हो कि इसरो ने अपने सबसे अहम मिशन चंद्रयान 2 को चांद की सतह पर भेजने के लिए 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा से जीएसएलवी मार्क 3 रॉकेट से इसे प्रक्षेपित किया था. चंद्रयान-1 मिशन के 11 साल बाद इसरो ने दोबारा चांद पर भारत का झंडा लहराने के लिए चंद्रयान-2 भेजा है. चंद्रयान- 1 अभियान को करीब 11 साल पहले अक्टूबर 2008 में अंजाम दिया गया था.


दुनिया में यह रिकॉड बनाने वाला पहला देश होगा भारत 


चंद्रयान 2 मिशन अपने साथ भारत के 13 पेलोड और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का भी एक उपकरण लेकर गया है. यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि भारत का चंद्रयान-2 चांद के उस जगह पर उतरने जा रहा है जहां अब तक कोई नहीं पहुंचा है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश भारत बनने वाला है. देश के वैज्ञानिक इस रिकॉर्ड को भारत के नाम करने को काफी उत्साहित हैं.


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