Chandrababu Naidu on Muslim Quota Reservation: लोकसभा चुनाव के बीच आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने मुस्लिम आरक्षण कोटे को लेकर बयान दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि सिर्फ आरक्षण सभी तरह से लोगों को सशक्त नहीं कर सकता है. पूर्व सीएम ने कहा कि लोगों आर्थित रूप सश्कत करना होगा, लेकिन यह धर्म पर आधारित नहीं होना चाहिए.


चंद्रबाबू नायडू ने बताया- क्यों पीछे हैं मुस्लिम समुदाय


आंध्र प्रदेश में टीडीपी इस बार बीजेपी के साथ मिलकर लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ रही है. धर्म आधारित पर अपने सहयोगी दल बीजेपी के रुख पर टीडीपी चीफ ने कहा, "मेरा उद्देश्य आर्थिक सुधार और आर्थिक सशक्तिकरण का है, न कि धर्म आधारित सुधार का. ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से कुछ जातियां या धर्म पिछड़े हुए हैं. विशेष समुदाय क्यों पिछड़ा हुआ है? इसकी असली वजह है उनके सोचने की प्रकिया, उनकी सभाएं, ये सभी चीजें जैसी हो रही है, वैसे ही वो लोग बन रहे हैं."


टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू ने कहा, "मैं हमेश कहता हूं कि आदिवासी इतने पिछड़े क्यों हैं? 20 साल पहले मैंने आदिवासियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए चैतन्यम की शुरुआत की थी. इन लोगों के पास बहुत अधिक मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण ये लोग पिछड़े हुए हैं. यहां तक कि मुस्लिमों का भी यही हाल है. हमें तुष्टिकरण नहीं, बल्कि कारगर दृष्टिकोण अपनाना होगा."


आरक्षण से समस्या का नहीं होगा समाधान


पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा, "आरक्षण देने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता, हमें उससे आगे सोचना होगा. हमने दशकों से एससी, एसटी और दूसरे वर्गों के लिए आरक्षण दिया. क्या वे आज बेहतर स्थिति में हैं? आज हमें इससे आगे सोचना होगा, तभी हम चीजों को मौलिक रूप से बदलेंगी."


आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक रैली को संबोधित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा था, हम मुस्लिमों के लिए 4 फीसदी आरक्षण के प्रवधान को बरकरार रखेंगे और राज्य में मस्जिद के रखरखाव के लिए हर महीने 5000 रुपये की वित्तीय सहायता देंगे."


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