Chandigarh University Ranking: पंजाब के मोहाली (Mohali) में स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (Chandigarh University) का नाम रविवार देर रात से ही चर्चा में बना हुआ है. चर्चा की वजह है MMS कांड. गर्ल्स हॉस्टल की एक लड़की पर दूसरी लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो बनाने का आरोप लगा है. यूनिवर्सिटी में हंगामा हुआ तो बात पुलिस तक पहुंची और कार्रवाई करते हुए लड़की को गिरफ्तार कर लिया गया. MMS कांड की जांच जारी है और इसी बीच चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के ऊपर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. चलिए इस आर्टिकल में आपको यूनिवर्सिटी की स्थापना से लेकर अब तक की परफॉर्मेंस के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.


चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की स्थापना साल 2012 में हुई थी. ऐसा माना जाता है कि इस यूनिवर्सिटी ने बहुत ही कम समय में बड़े मुकाम हासिल कर लिए हैं. चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने महज 10 सालों में QS World Rankings 2023 में जगह बनाई. विश्वविद्यालय की स्थापना सतनाम सिंह संधू ने की, जिनका पंजाब में खूब नाम है. सतनाम सिंह संधू सामाजिक कार्यों और सिख उद्यमी के तौर पर जाने जाते हैं.


QS विश्व रैंकिंग 2023


QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 के नवीनतम संस्करण के अनुसार, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय को भारत के टॉप-3 निजी विश्वविद्यालयों के रूप में स्थान दिया गया है. इसी के साथ क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को सबसे युवा विश्वविद्यालय का भी खिताब मिला है. यह जानकारी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर उपलब्ध है.


NIRF सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की रैंकिंग 2022


शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी NIRF रैंकिंग 2022 के तहत चंडीगढ़ विश्वविद्यालय को भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में 29 वां स्थान दिया गया है. वहीं एनआईआरएफ बेस्ट कॉलेज रैंकिंग 2021 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय को 44.62 के स्कोर के साथ देशभर में #77वां स्थान दिया गया था.


NAAC A+ रेटिंग 


चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा प्रतिष्ठित A+ ग्रेड से सम्मानित किया गया है. A+ ग्रेड ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय को भारत के सबसे विशिष्ट और प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों (HEI) में रखा है, जो अपने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और प्रसारित करने में शीर्ष मानकों को बनाए हुए है.


सतनाम सिंह संधू के बारे में भी जान लीजिए


चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की स्थापना करने वाले सतनाम सिंह संधू (Satnam Singh Sandhu) पंजाब के फिरोजपुर में एक छोटे से गांव में जन्मे. उनके पिता एक किसान थे और वह भी एक किसान ही बने. हालांकि जिंदगी ने शायद उनके लिए कुछ और ही लिख रखा था. साल 2001 में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा. उनके साथ रशपाल सिंह धालीवाल भी सहयोगी रहे. धारीवाल राजनीति में चले गए, लेकिन संधू को राजनीति रास नहीं आई.


कॉलेज बनाने के लिए लिया 95 लाख का लोन


मालवा के ग्रामीण इलाके से आने वाले संधू ने चंडीगढ़ की राजधानी से सटे खरड़ के लांडरां में एक इंजिनियरिंग कॉलेज की नींव रखी. दिसंबर 2000 में उन्होंने 95 लाख रुपये का लोन लिया और तीन एकड़ जमीन पर कॉलेज बनाया. धीरे-धीरे यह कॉलेज बढ़ा और फिर 2012 में उन्होंने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की स्थापना की. कॉलेज की परफॉर्मेंस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साल जून में जारी, क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2023 में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने भी जगह बनाई. यह पंजाब से सर्वोच्च रैंक वाला संस्थान बना.


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