Centre Surveys 17.78 lakh Acres Defence Land: आजादी के बाद पहली बार देश में रक्षा मंत्रालय ने करीब 18 लाख एकड़ जमीन का सर्वे किया है. पिछले 75 सालों में इतना बड़ा लैंड-सर्वे नहीं हुआ था. रक्षा संपदा विभाग ने इस सर्वे के लिए ड्रोन से लेकर सेटेलाइट इमेज का सहारा लिया है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक देश में करीब 5000 जगहों पर फैली डिफेंस-लैंड का सर्वे‌ इसलिए बेहद जरूरी था, ताकि उसपर कोई अतिक्रमण न हो और न ही कोई कानूनी लड़ाई लड़नी पड़े. साथ ही रक्षा मंत्रालय के अधीन भू-संपदा का बकायदा लैंड-रिकॉर्ड‌ और नक्शे तैयार किए जा सके. इस डिजिटल लैंड सर्वे को करने में करीब तीन साल का वक्त लगा.


रक्षा संपदा विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक देश में कुल 17.78 लाख एकड़ डिफेंस लैंड है. इसमें से 1.61 लाख एकड़ जमीन पर देश के 62 नोटिफाइड कैंटोनमेंट हैं. जबकि बाकी 16.38 लाख एकड़ कैंट एरिया से बाहर है. इसमें से भी 18 हजार एकड़ जमीन राज्य सरकारों के अधीन है या फिर दूसरे विभागों को दे दी गई है, ताकि रिकॉर्ड से उसे हटा दिया जाए. जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर 2018 में रक्षा संपदा विभाग ने डिफेंस लैंड का सर्वेक्षण शुरू किया था. इस सर्वेक्षण में सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया, भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर, नेशनल रिमोट सैंसिंग सेंटर (हैदराबाद) और राज्य सरकारों के राजस्व विभाग की मदद ली गई.


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रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सर्वेक्षण के लिए इलेक्ट्रोनिक टोटल स्टेशन (ETS) और  डिफरेंशियल जीपीएस जैसी आधुनिक तकनीक का ‌सहारा लिया गया. राजस्थान के थार रेगिस्तान कई लाख एकड़ जमीन के सर्वे के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया. इससे कुछ ही हफ्तों में ही सर्वे पूरा हो गया, जबकि पहले कई-कई साल इसमें लगते थे.‌ पहाड़ों में कई लाख एकड़ जमीन के सर्वेक्षण के लिए सेटेलाइट इमेजरी का सहारा लिया गया है. पहाड़ों में डिफेंस लैंड को अच्छे से देखने के लिए 3डी मॉडलिंग तकनीक की मदद लई गई. इसके लिए भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर ने साथ दिया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक पूरे लैंड सर्वे की जियो-रेफरेंस और डिजिटाइज फाइल बनाई गई है, ताकि डिफेंस एस्टेट डायरेक्टरेट और रक्षा मंत्रालय इस पर तुरंत निर्णय ले सके.


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