दार्जीलिंग: केंद्र सरकार ने हिंसा प्रभावित दार्जींलिंग में स्थिति सामान्य करने और पश्चिम बंगाल सरकार की मदद के लिए अर्द्धसैनिक बलों के 600 जवानों को भेजा है. आपको बता दें कि यहां से जीजेएम की तरफ से अनिश्चतकालीन बंद के दूसरे दिन पथराव की घटनाएं सामने आईं. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से इस पर्वतीय जिले में मौजूदा हालात पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी.


केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दार्जीलिंग भेजे गये जवानों में 200 महिलाएं भी शामिल हैं. पश्चिम बंगाल में पहले से ही मौजूद करीब 400 जवानों को भी अतिरिक्त बलों के साथ पहाड़ी क्षेत्र में तैनात किया गया है.


गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह दार्जीलिंग के हालात पर करीब से नजर रख रहा है. राज्य सरकार को यहां स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है.


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में राज्य सचिवालय में कहा है कि पर्वतीय जिले में स्थिति शांतिपूर्ण है. हालांकि, उन्होंने कहा कि केंद्र ने दार्जीलिंग के हालात पर राज्य सरकार से कोई रिपोर्ट नहीं मांगी है.


दार्जीलिंग में अनिश्चितकालीन बंद के दूसरे दिन गोरखालैंड समर्थकों को कई सरकारी कार्यालयों में बंद किए जाने से रोका गया जिसके बाद उन्होंने कई इलाकों में आज पुलिस पर पथराव किया.


जीजेएम महासचिव रोशन गिरी ने कहा, पुलिस ने शांतिपूर्ण रैली पर बिना किसी कारण के लाठीचार्ज किया है. जितना अधिक वे हमारे खिलाफ बल का इस्तेमाल करेंगे अलग गोरखालैंड राज्य के लिए संघर्ष उतना तेज होगा.


इस बीच जीजेएम प्रमुख बिमल गुरूंग ने कहा कि वह लगातार केंद्र के संपर्क में हैं और उन्हें उम्मीद है कि सहयोगी बीजेपी अलग गोरखालैंड की उसकी मांग पर विचार करेगी. गुरूंग ने कहा, मैं केंद्र सरकार और विभिन्न मंत्रियों के लगातार संपर्क में हूं. मुझे उम्मीद है कि वे हमारा दर्द और संघर्ष समझेंगे और अलग गोरखालैंड राज्य की हमारी मांग पर विचार करेंगे.