Defence Force Emergency Power: चीन की बढ़ती हरकतों के बीच केंद्र ने डिफेंस फोर्सेज की इमरजेंसी पावर्स को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है. इसके बाद रक्षा बल चीन सीमा के लिए हथियार खरीदने के लिए अपने लंबित अधिग्रहण को पूरा कर पाएंगे ताकि सुरक्षाबलों की तैयारियों को और मजबूत किया जा सके. रक्षा सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि आपातकालीन अधिग्रहण शक्तियों की अवधि को और छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. सेना हथियार खरीदने में सक्षम होगी, जिसके लिए पहले ही टेंडर जारी किए जा चुके हैं.


चीन सीमा पर तैयारियों को मजबूत करने के लिए सेनाओं के पास अब हथियार खरीदने की ताकत है. विभिन्न मुद्दों के कारण कई प्रस्ताव अटके हुए हैं और आने वाले कुछ महीनों में उन्हें मंजूरी मिलेगी. सशस्त्र बलों के पास उन उपकरणों की एक लंबी सूची है जिन्हें वे खरीदना चाहते हैं और केवल स्वदेशी उत्पादों को खरीदने के लिए इमरजेंसी पावर्स का उपयोग करेंगे. उत्पादों में कम से कम 60 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री होनी चाहिए.


दुश्मनों को जवाब देने के लिए भारत की तैयारी


भारतीय सशस्त्र बलों ने सभी पक्षों पर दुश्मनों के किसी भी संघर्ष या आक्रमण को संभालने के लिए आवश्यक हथियारों को खरीदने के लिए दी गई आपातकालीन खरीद शक्तियों का व्यापक रूप से उपयोग किया है. गौरतलब है कि बीते साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों बीच झड़प हुई थी. इसके अलावा हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के लिए चीनी, तिब्बती और पिनयिन अक्षरों में नामों की तीसरी सूची जारी की है.


चीन के कदम को भारत ने सिरे से नकारा 


चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार (9 अप्रैल) को अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 स्थानों के मानकीकृत नाम जारी किए थे. जिसे वह स्टेट काउंसिल, चीन की कैबिनेट की ओर से जारी भौगोलिक नामों पर नियमों के अनुसार 'तिब्बत का दक्षिणी भाग जंगनान' बताता है. हालांकि भारत ने चीन के इस कदम को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये राज्य भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है.


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