कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार उन मेडिकल छात्रों के लिए वैकल्पिक उपायों पर गंभीरता से विचार कर रही है, जो अपनी पढ़ाई के बीच युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे हैं. कर्नाटक के छात्र नवीन के अंतिम संस्कार में भाग लेने से पहले दावणगेरे में बोम्मई ने कहा, यूक्रेन में सिलेबस भारत से अलग है. केंद्र सरकार उनके भविष्य के बारे में गंभीरता से सोच रही है, क्योंकि इसमें विभिन्न राज्यों के छात्रों का भविष्य शामिल है.


उन्होंने कहा कि सरकारी विश्वविद्यालयों में फीस कम है, लेकिन निजी क्षेत्र में मेडिकल एजुकेशन महंगी है. यहां तक ​​​​कि 90-95 प्रतिशत स्कोर करने वाले छात्रों को भी NEET में सीटें नहीं मिल रही हैं. मैनेजमेंट कोटा और NRI कोटा में सीटों की फीस ज्यादा होने के कारण छात्र अन्य विकल्पों की तलाश करें.


बोम्मई ने कहा कि हम शुल्क को कम करने के लिए सीटों को ए, बी और सी श्रेणियों में वर्गीकृत करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया मेडिकल पाठ्यक्रमों से संबंधित मुद्दों को तय करती है. छात्रों को लेकर पुनर्विचार किया जा रहा है. 


यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए नवीन शेखरप्पा का अंतिम संस्कार सोमवार को हावेरी में किया गया. अंतिम संस्कार के दौरान सीएम बोम्मई भी मौजूद रहे. परिजनों के मुताबिक उनका शरीर चिकित्सा अनुसंधान के लिए दावणगेरे के एसएस मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया जाएगा. नवीन का पार्थिव शरीर सोमवार तड़के तीन बजे बेंगलुरु आया और वहां से उसे उनके गांव ले जाया गया.


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