Population Control Law Update: संयुक्त राष्ट्र (United Nation) की एक रिपोर्ट में जनसंख्या के मामले में भारत (India) द्वारा अगले साल चीन (China) को पीछे छोड़ देने का अनुमान व्यक्त किए जाने के कारण देश में इस मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई है. जिसके बाद से इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) के लिए कोई कानून ला सकती है.


आज केंद्र सरकार (Central Government) ने स्पष्ट किया कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाने पर वह कोई विचार नहीं कर रही है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार (Minister of State for Health and Family Welfare Bharti Praveen Pawar) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्र सरकार के इस रुख के बारे में यह जानकारी दी.


जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं लाने के पीछे बताई ये वजह


पवार ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम (National Family Planning Program) को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, जो राष्ट्रीय जनसंख्या नीति (2000) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (2017) के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है, ताकि 2045 तक जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्य के साथ परिवार नियोजन की अपूर्ण रह गयी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.


उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) पर लगाम लगाने के सरकार के प्रयास सफल रहे हैं और इसकी बदौलत 2019-21 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) घटकर 2.0 रह गई जो प्रतिस्थापन स्तर (Replacement Level) से नीचे है. उन्होंने कहा कि 36 राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों में से 31 ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल कर ली है.


गर्भनिरोधक उपयोग में हुआ इजाफा


पवार ने कहा कि आधुनिक गर्भनिरोधक उपयोग बढ़कर 56.5 प्रतिशत हो गया है जबकि परिवार नियोजन की अधूरी आवश्यकता केवल 9.4 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि 2019 में कच्ची जन्म दर (CBR) घटकर 19.7 रह गई है. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए किसी भी कानूनी उपाय पर विचार नहीं कर रही है.’’


दरअसल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य जॉन ब्रिटास ने एक केंद्रीय मंत्री द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाए जाने के दावे का हवाला देते हुए सरकार से इस बारे में उसका रुख जानना चाहा था.


आबादी में चीन से आगे निकलने का अनुमान


भारत के अगले साल दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकल जाने का अनुमान है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में गत दिनों यह जानकारी दी गई. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रखंड के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग द्वारा 'विश्व जनसंख्या संभावना 2022' में कहा गया कि वैश्विक जनसंख्या 15 नवंबर 2022 को आठ अरब तक पहुंचने का अनुमान है.


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