देश में साझा और एकीकृत थिएटर कमांड बनाने के लिए प्रयासरत केंद्र सरकार ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल मई 2026 तक बढ़ा दिया है. इस बाबत रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर सेवा विस्तार की जानकारी दी है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी (एसीसी) ने बुधवार (24 सितंबर) को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सीडीएस जनरल चौहान, 30 मई 2026 तक डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए) में भारत सरकार के सचिव पद पर भी अपनी सेवाएं देंगे. साथ ही ये भी कहा गया कि 30 मई 2026 या फिर जब तक कोई नया आदेश नहीं आता है, तब तक वे अपने दोनों पदों पर बने रहेंगे. रक्षा मंत्रालय के अधीन सीडीएस, डीएमए के सचिव के तौर पर भी अपनी सेवाएं देते हैं.
जनरल चौहान को 28 सितंबर 2022 को सीडीएस के पद पर नियुक्त किया गया था. उनकी नियु्क्ति को लेकर हर कोई भौचक्का रह गया था. क्योंकि, वे कुछ महीने पहले ही सेना से लेफ्टिनेंट जनरल रैंक से रिटायर हो चुके थे और एनएसए अजीत डोवल के अधीन नेशनल सिक्योरिटी कांउसिल सेक्रेटेरिएट में मिलिट्री-एडवाइजर के पद पर तैनात थे.
एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर तैनात कर सरकार ने ना केवल रिटायरमेंट के बाद जनरल की रैंक प्रदान की बल्कि देश का सबसे बड़ा मिलिट्री कमांडर नियुक्त किया था. वर्ष 1981 में भारतीय सेना (थलसेना) में शामिल हुए जनरल चौहान ने देश के अलग-अलग हिस्सों में स्टाफ और कमांड पोस्ट पर अपनी सेवाएं दी हैं.
उनसे पहले (अब स्वर्गीय) जनरल बिपिन रावत को सरकार ने 30 दिसबंर 2019 को सीडीएस नियुक्त किया था. लेकिन वर्ष 2021 में जनरल रावत की अपनी पत्नी सहित 13 सैन्य अधिकारियों के साथ एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान चली गई थी. जनरल रावत, देश के पहले रक्षा प्रमुख (सीडीएस) थे.
सरकार ने सीडीएस का पद इसलिए बनाया था ताकि, सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के अलग-अलग कमांड को एकीकृत कर थिएटर कमांड बना दी जाएं. जनरल रावत की असमायिक मृत्यु से सरकार के सशस्त्र बलों की ज्वाइंटनेस और इंटीग्रेशन को एक गहरा झटका लगा था. लेकिन जनरल चौहान ने आकर इस विजन को आगे बढ़ाने का काम किया.
थलसेना और नौसेना, सशस्त्र बलों के एकीकरण के तैयार हैं लेकिन वायुसेना की तरफ से आपत्ति की गई है. ऐसे में सरकार के समक्ष वायुसेना को थिएटर कमांड के लिए तैयार करना एक टेढ़ी खीर साबित हो सकती है. यही वजह है कि सरकार ने जनरल चौहान के कार्यकाल को मई 2026 तक बढ़ा दिया है ताकि थिएटर कमांड बनाने से पहले साझाकरण और एकीकरण को मजबूत किया जा सके.
हाल ही में कोलकाता में आयोजित कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों के सभी टॉप कमांडर्स को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भरता, ज्वाइंटनेस और इनोवेशन को जीत का मंत्र बताया था.